पथ के साथी

Saturday, August 3, 2019

920-लबालब बड़ौदा


डॉ.पूर्वा शर्मा

लबालब बड़ौदा 

मगर   शब्द को क्लिक कीजिए


1.
श्रावण मास
ले बैठा वड़ोदरा
जल समाधि ।
2.
कैसा कहर
विश्वामित्री उफनी
डूबा शहर ।
3.
कजरी गाते
शहर में मगर
गश्त लगाते ।
4.
ढूँढते भोज
गली-शहर घूमे
मगर-फौज ।

5.
पार लगाती
एन डी आर एफ
जान बचाती  
6.
बाढ़ ने मारा
मानवता सहारा
कोई न हारा ।
7.
वर्षा तांडव
चीखे मेघ, तड़ित
धरा प्लावित ।
8.
डूबता कैसे?
लबालब बड़ौदा
हौंसला जिंदा ।
9.
माँगी थी बूँदें
मिल गया सागर
रॉंग नंबर ।
10.
जलीय बने
सिर तक पानी में
तैरते चले ।
11.
पार लगाते
वासुदेव दरोगा*
बच्ची बचाते ।
-0-
*वासुदेव की तरह पुलिस कर्मी ने नन्ही-सी बच्ची को सर पर उठा कर बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से बचाया ।


9 comments:

  1. बाढ़ के दुष्परिणामों का सजीव वर्णन ।बहुत सुंदर हाइकु।बधाई पूर्वा जी

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  2. बाढ़ में शहर का चित्रण प्रभावी ढंग से किया है। पूर्वा जी को बधाई!
    - डाॅ. कुँवर दिनेश, शिमला।

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  3. बाढ़ में शहर का चित्रण प्रभावी ढंग से किया है। पूर्वा जी को बधाई!
    - डाॅ. कुँवर दिनेश, शिमला।

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  4. कुदरत के कहर और मानव के हौसले को दर्शाती सुंदर रचना...बहुत खूब पूर्वा जी!!

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  5. बाढ़ के कहर का सुन्दर चित्रण!बधाई पूर्वा जी!

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  6. बाढ़ की विभीषिका के मध्य मानवीय संवेदनाओं का अत्यंत सजीव एवम प्रभावी चित्रण।सुंदर बिम्ब।बधाई पूर्वा जी।

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  7. बाढ़ में डूबे शहर पर रचे सजीव हाइकु हार्दिक बधाई |

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  8. दिल से लिखे बेहद सजीव हाइकु, दिल से ही बधाई आपको पूर्वा जी !!

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  9. प्रकृति के प्रकोप का सुंदर चित्रण... पूर्वा जी हार्दिक बधाई।

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