पथ के साथी

Thursday, April 25, 2019

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स्वाति शर्मा

सिर्फ दाँत दिखाना ही ज़रूरी नहीं
मुस्कुराने के लिए
मन की प्रसन्नता भी ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
अपनों का साथ ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
उनके प्यार की सौगात ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
दो वक्त का खाना ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
मेहमानों का आना भी ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
दोस्तों का साथ होना ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
पुरानी तस्वीरें हाथ में होना ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
प्रभु की भक्ति भी ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
मन में इच्छा शक्ति ज़रूरी है
मुस्कुराने के लिए
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4 comments:

  1. बहुत अच्छी रचना है...बहुत बधाई...|

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  2. सही कहा, इच्छाशक्ति जरूरी है। सुंदर कविता

    भावना सक्सैना

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  3. प्रभु की भक्ति भी ज़रूरी है
    मुस्कुराने के लिए
    मन में इच्छा शक्ति ज़रूरी है
    मुस्कुराने के लिए
    sahi kha aapne
    badhayi
    rachana

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  4. बहुत प्यारी रचना है...बहुत बधाई आपको!

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