पथ के साथी

Thursday, March 5, 2015

आई रे होली



1-मुक्तक
रामेश्वर काम्बोज हिमांशु
जला दें नफ़रतों का सब कारोबार होली में ।
आओ भूल जाएँ हम सभी तकरार होली में ॥
भूल हमने की, तुमने की, आओ भूल जाएँ हम ।
यह दो पल का जीवन है, कर लो प्यार होली में
-0-
2-आई रे होली

कमला निखुर्पा

फागुन संग इतरा के आई है होली
सर र र र चुनरी लहराए  रे होली
............................................
सरसों भी शरमा के झुक झुक जाए
खिलखिला रही वो देखो टेसू की डाली।
फागुन संग इतरा के आई रे  होली।
..................................................
अमुआ की डाली पे फुदक-फुदक
कानों में कुहुक गीत गाए है होली।
इंद्र धनुष उतरा गगन से  धरा पे
सतरंगी झूले पे झूल रही  होली।
फागुन संग इतरा के आई रे  होली।
............................................
खन खन खनकी गोरे हाथों की चूड़ियाँ
पिचकारी में रंग भर लाई रे होली।
अखियाँ अबीर,  गाल हुए हैं गुलाल आज
भंग की तरंग संग लाई है होली।
फागुन संग इतरा के आई है होली।

फोटो: कमला निखुर्पा

................................................
गलियाँ चौबारे बने ब्रज बरसाने
घर से निकल चले कुँवर कन्हाई
ढोलक की थाप सुन गूँजे मृदंग- धुन  
संग चली गीतों की धुन अलबेली।
फागुन संग इतरा के आई रे होली।
................................................
इंद्र धनुष उतरा गगन से  धरा पे
सतरंगी झूले पे झूल रही  होली।
फागुन संग इतरा के आई रे होली।
                          -0-            

10 comments:

  1. आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएं :
    उल्लास भरा यह पर्व रहे
    और जीवन में संगीत भरे।
    हमसे घृणा व नफ़रत को,
    हमेशा के लिए ये दूर करे।
    -------------**-----------------
    - सुभाष चंद्र लखेड़ा

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर सरस प्रस्तुति ... होली की हार्दिक शुभ कामनाएँ !..

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

    ReplyDelete
  3. बहुत ही प्यारा मुक्तक और ख़ूबसूरत रंग-बिरंगा गीत !
    आप सभी को होली की रंगभरी शुभकामनाएँ! !!!

    ~सादर
    अनिता ललित

    ReplyDelete
  4. रंगों के महापर्व होली की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (06-03-2015) को "होली है भइ होली है" { चर्चा अंक-1909 } पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  5. बहुत बढ़िया मुक्तक रंगों भरी होली का सुन्दर चित्रण करती रचना!
    आप सभी को होली मुबारक हो।

    ReplyDelete
  6. Sunder muktak .....sabhi ko badhai

    ReplyDelete
  7. माधुर्य से परिपूर्ण हृदय को हुलसाती सरस रचनाओं के लिए हार्दिक बधाई
    सादर
    रेखा रोहतगी

    ReplyDelete
  8. सुन्दर प्रस्तुति .......होली पर हार्दिक शुभकामनाएं!

    ReplyDelete
  9. आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएं..!

    ReplyDelete
  10. bahut hi khoobsurat prastuti...hardik badhai.

    ReplyDelete