पथ के साथी

Wednesday, September 7, 2022

1242-तम की पूजा करने वालो

 रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'                                        [20-03-1077 , स्मारिका देहरादून, अप्रैल 77] में प्रकाशित


14 comments:

  1. nilambara.shailputri.in07 September, 2022 06:47

    बहुत ही सुंदर रचनाधर्मिता।

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  2. उत्तम श्रेणी की कविता!

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  3. उजियारे से डरने वालो/बिना किए न हो परिवर्तन...बहुत सुंदर,सदा नवीन एवं प्रासंगिक रहने वाली रचनाएँ।

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  4. संध्या से इतिहास सजा लो, प्रातः से संकल्प बनालो! सदाबहार रचना, धन्यवाद आदरणीय।

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  5. बहुत सुंदर, सार्थक, प्रेरक।

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  6. सुंदर संदेश देती उत्तम कविता। सुदर्शन रत्नाकर

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  7. बहुत ही सुंदर संदेश देती कविता।

    हार्दिक बधाई गुरुवर।

    सादर

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  8. संदेशप्रद रचना. रचना भले ही पुरानी है लेकिन हर समय-काल के लिए सटीक है. साझा करने के लिए आभार. बधाई भइया.

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  9. आप सभी स्नेहीजन के प्रोत्साहन के लिए आभारी हूँ कि आपने समय निकालकर रचना पढ़ी और सराही।

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  10. आज भी प्रासंगिक है आपकी रचनाएँ
    सुंदर सृजन
    बधाई गुरुवर

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  11. कितना सत्य है!!! वास्तव में... एक एक शब्द हृदयस्पर्शी है 🙏🌹सर

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  12. बहुत ही सुंदर प्रेरक कविता।

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  13. बहुत सुन्दर, प्रेरणादायक कविता के लिये हार्दिक बधाई हिमांशु भाई

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  14. इन ओजपूर्ण रचनाओं के लिए आदरणीय काम्बोज जी को बहुत बधाई

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