डॉ. सुधा गुप्ता
1-मत लिखना खोटी क़िताब
नन्ही चिड़िया !
आगे -पीछे
उड़-उड़कर
सिखा रही है अपने नन्हे
शिशु को उड़ना
चिड़िया तो चिड़िया
उसे खानी है बेटे की कमाई
?
रचाना है बेटों का ब्याह
?
( मतलब तुम समझो मूरख)
अपने से छोटों को
देते चलना है
भूलकर भी मत रखना पाने
का हिसाब
मत लिखना छोटी क़िताब-
( पाने की)
-0-
2-खुशी-1
खुशी
मुझे शापित राजकुमार-सी
कभी न टूटने वाली नींद
में खोई हुई
मिली,
जिसके रोएँ-रोएँ में सुइयाँ
चुभी थीं ।
धीरज से , मेहनत से
रात-रात भर जागकर
मैंने उसके रोएँ-रोएँ
में चुभी सुइयाँ निकाली !
जब
सिर्फ़ उसकी पुतलियों की
दो सुइयाँ
शेष रहीं,
तभी
मुझे
अपने से , अपना ख़याल आया
ख़ुद को देखकर बड़ा रोना
आया :
खुशी मुझे ऐसे देखेगी,
तो क्या सोचेगी भला ?
क्यों न ज़रा ठीक-ठाक हो
लूँ !
अभी आकर ये दो बाक़ी सुइयाँ
भी निकालती हूँ
XX
मेरी वापिसी तक
वह किसी और की हो चुकी
थी ।
-0-
3-ख़ुशी-3
फिर ललचाया
अपने पीछे,
फिर दौड़ाया।
हाँप-हाँपकर
जैसे ही उस तक पहुँची
गहरे हरे अँधेरों में
छलांग लगा
गुम हो गया
चंचल हिरनौटा ।
पाँव चुभे काँटे
सिर्फ़ दर्द: मेरे बाँटे,
आँखों में जल भर आया ।
-0-
4-तलाश : सुख की
भीड़
आपाधापी
और
गहमागहमी
भरे बाज़ार में
तलाशते रहे
सभी
अपने-अपने सुख ।
टकराते रहे
एक -दूसरे को धकियाते
रहे
और ख़रीदते रहे
चाव से भर-भरकर,
खूबसूरत मुखौटों में छिपे
दु:ख ।
-0-
जिंदगी की हकीकत बयां करती सुन्दर कविताएँ | भीड़ का मुखौटा और ख़ुशी का हिरनौटा ...गजब है |
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 18 जून जून 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteजीवन की सत्यता को दर्शाती सुंदर ,भावपूर्ण कविताएँ सुधा जी ।आपको हार्दिक बधाई ।
ReplyDeleteक्या कहे ! सभी एक से बढ़कर एक ..... सच को दिखलाती रचनाएँ
ReplyDeleteसुधा जी को नमन
सुधा गुप्ता दी की सभी कविताएँ जीवन से जुड़ी,नूतन बिंबों की सुन्दर कविताएँ हैं ।सार्थक सृजन की बधाई ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर, भावपूर्ण सृजन के लिए डॉ. सुधा गुप्ता जी को हार्दिक बधाई
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सार्थक जीवन की गहराई को दर्शाती कविताएँ। सुधा जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteसभी कविताएं एक से बढ़कर एक ।सुधा जी को नमन।
ReplyDeleteसामाजिक सरोकारों के मध्य मानव के सुख और दुःख के द्वंद्व को रेखांकित करती दार्शनिक बोध की सशक्त रचनाओं हेतु आदरणीय सुधा जी की लेखनी को नमन
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचनाएँ। आ० सुधा जी को नमन।
ReplyDeleteबहुत सार्थक कवितायें हैं जीवन के सत्य को बखूबी दर्शाती हैं |सुधा जी के लेखन को नमन |
ReplyDeleteएक से बढ़कर एक रचनाएँ, आदरणीय सुधा जी को प्रणाम एवं बधाई। साझा करने के लिए आपका आभार भाई साहब!
ReplyDeleteजीवन दर्शन को परिभाषित करती श्रेष्ठ कवितायें ... सुधा दीदी आप लिखती रहे अनवरत ...
ReplyDeleteजीवन दर्शन को परिभाषित करती श्रेष्ठ कवितायें ----सुधा दीदी आप लिखती रहे अनवरत
ReplyDeleteReply
सुन्दर रचनाएँ।
ReplyDeleteअद्भुत...कुछ नए शब्द तो ऐसे मोहते हैं कि तारीफ़ करने के लिए भी शब्द कम पड़ते है...जैसे- हिरनौटा...|
ReplyDeleteआदरणीय सुधा जी के लिए कुछ कहना तो जैसे सूरज को दिया दिखाने जैसा लगता है मुझे...|
उन्हें बहुत बधाई और आदरणीय काम्बोज जी का आभार इन रचनाओं को पढवाने के लिए...|
ReplyDeleteबहुत उम्दा रचनाएँ। आ० सुधा जी को और उनकी लेखनी को हमेशा की तरह नमन !