पथ के साथी

Thursday, June 18, 2020

1009-डॉ. सुधा गुप्ता

डॉ. सुधा गुप्ता




1-मत लिखना खोटी क़िताब
                                                  नन्ही चिड़िया !

प्रीति अग्रवाल
चित्र; प्रीति अग्रवाल
फुदक-फुदककर
आगे -पीछे
उड़-उड़कर
सिखा रही है अपने नन्हे शिशु को उड़ना

चिड़िया तो चिड़िया
उसे खानी है बेटे की कमाई ?
रचाना है बेटों का ब्याह ?
( मतलब तुम समझो मूरख)

अपने से छोटों को
देते चलना है
भूलकर भी मत रखना पाने का हिसाब
मत लिखना छोटी क़िताब-
( पाने की)
-0-
2-खुशी-1

खुशी
मुझे शापित राजकुमार-सी
कभी न टूटने वाली नींद में खोई हुई
मिली,
जिसके रोएँ-रोएँ में सुइयाँ चुभी थीं ।
धीरज से , मेहनत से
रात-रात भर जागकर
मैंने उसके रोएँ-रोएँ में चुभी सुइयाँ निकाली !
जब
सिर्फ़ उसकी पुतलियों की दो सुइयाँ
शेष रहीं,
तभी
मुझे
अपने से , अपना ख़याल आया
ख़ुद को देखकर बड़ा रोना आया :
खुशी मुझे ऐसे देखेगी, तो क्या सोचेगी भला ?
क्यों न ज़रा ठीक-ठाक हो लूँ !
अभी आकर ये दो बाक़ी सुइयाँ भी  निकालती हूँ
XX
मेरी वापिसी तक
वह किसी और की हो चुकी थी ।
-0-
3-ख़ुशी-3

फिर ललचाया
अपने पीछे,
फिर दौड़ाया।
हाँप-हाँपकर
जैसे ही उस तक पहुँची
गहरे हरे अँधेरों में छलांग लगा
गुम हो गया
चंचल हिरनौटा ।

पाँव चुभे काँटे
सिर्फ़ दर्द: मेरे बाँटे,
               आँखों  में जल भर आया ।
-0-
4-तलाश : सुख की

भीड़
आपाधापी
और
गहमागहमी
भरे बाज़ार में
तलाशते रहे
सभी
अपने-अपने सुख ।
टकराते रहे
एक -दूसरे को धकियाते रहे
और ख़रीदते रहे
चाव से भर-भरकर,
खूबसूरत मुखौटों में छिपे
दु:ख ।
-0-

19 comments:

  1. जिंदगी की हकीकत बयां करती सुन्दर कविताएँ | भीड़ का मुखौटा और ख़ुशी का हिरनौटा ...गजब है |

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 18 जून जून 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. जीवन की सत्यता को दर्शाती सुंदर ,भावपूर्ण कविताएँ सुधा जी ।आपको हार्दिक बधाई ।

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  4. क्या कहे ! सभी एक से बढ़कर एक ..... सच को दिखलाती रचनाएँ

    सुधा जी को नमन

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  5. सुधा गुप्ता दी की सभी कविताएँ जीवन से जुड़ी,नूतन बिंबों की सुन्दर कविताएँ हैं ।सार्थक सृजन की बधाई ।

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  6. बहुत सुंदर, भावपूर्ण सृजन के लिए डॉ. सुधा गुप्ता जी को हार्दिक बधाई

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  7. बहुत सुन्दर और सार्थक जीवन की गहराई को दर्शाती कविताएँ। सुधा जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ।

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  8. सभी कविताएं एक से बढ़कर एक ।सुधा जी को नमन।

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  9. सामाजिक सरोकारों के मध्य मानव के सुख और दुःख के द्वंद्व को रेखांकित करती दार्शनिक बोध की सशक्त रचनाओं हेतु आदरणीय सुधा जी की लेखनी को नमन

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  10. बहुत सुंदर रचनाएँ। आ० सुधा जी को नमन।

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  11. बहुत सार्थक कवितायें हैं जीवन के सत्य को बखूबी दर्शाती हैं |सुधा जी के लेखन को नमन |

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  12. एक से बढ़कर एक रचनाएँ, आदरणीय सुधा जी को प्रणाम एवं बधाई। साझा करने के लिए आपका आभार भाई साहब!

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  13. जीवन दर्शन को परिभाषित करती श्रेष्ठ कवितायें ... सुधा दीदी आप लिखती रहे अनवरत ...

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  14. जीवन दर्शन को परिभाषित करती श्रेष्ठ कवितायें ----सुधा दीदी आप लिखती रहे अनवरत

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  15. अद्भुत...कुछ नए शब्द तो ऐसे मोहते हैं कि तारीफ़ करने के लिए भी शब्द कम पड़ते है...जैसे- हिरनौटा...|
    आदरणीय सुधा जी के लिए कुछ कहना तो जैसे सूरज को दिया दिखाने जैसा लगता है मुझे...|
    उन्हें बहुत बधाई और आदरणीय काम्बोज जी का आभार इन रचनाओं को पढवाने के लिए...|

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  16. बहुत उम्दा रचनाएँ। आ० सुधा जी को और उनकी लेखनी को हमेशा की तरह नमन !

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  17. सुधा दी की सुन्दर बिम्बों और आँचलिक शब्दों वाली प्यारी कविताएँ । हार्दिक बधाई आपको ।

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  18. विभा रश्मि

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