पथ के साथी

Friday, April 24, 2020

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1-जीतेगी जिंदगी
परमजीत कौर 'रीत' ( श्री गंगानगर)

 लॉकडाउन में
बंद दरवाजों 
मुँह चिढ़ाती गलियों
सिर मुँडा बाज़ारों
और
रूठे चौराहों के बीच ।
अपने जीवन की परवाह किए बग़ै
धन्य है-
 इधर-उधर दौड़ता मैडिकल-पैरामेडिकल स्टॉफ।
धन्य है-
क्वारेंटाइन ,आइसोलेशन 
सँभालती पुलिस ,सेना ,और सभी नींव की ईंटे।
धन्य है-
लॉकडाउन के नियम और
अनुशासन को पालते लोग ।
इस उम्मीद के साथ कि 
कुछ दिन घर रहकर ही सही
कुछ दिन सबसे दूर रहकर ही सही
ज़िन्दगी जीतेगी ज़रूर.
ज़िन्दगी जीतेगी ज़रूर....
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2-डॉ.सुरंगमा यादव
1
सर्द मौसम,उस पर ये लम्बी रातें
दिल कितना करे खुद से बातें ?
2
ऐसी बरसात भला किस काम की?
एक हो जाएँ नदिया-पोखर ।
3
तेरी चाहत हमें ले आ कहाँ तक
र का पता ही ना चला ।
4
जब से तारीफ़ तुमने हमारी कर दी
हम भी इतराके चलना सीख ग
5
औरत हूँ ,जानती हूँ बखूबी
होठों को सी लेना भी ।
6
ज़िदगी में काँधे तो बहुत मिले
दिल को भरोसा तेरे काँधे पे हुआ।
7
तन्हाई यूँ गुज़ार देती हूँ
तेरी बाहों की तरह यादों से लिपट जाती हूँ ।
8
डायरी में दबे फूल की तरह तुमने
इक माने बाद याद किया मुझको ।

9
किसी से उम्मीद लगाना छोड़ दिया जबसे
जीना बड़ा आसान हो गया तबसे ।
10
ये जुब़ान भी अजीब है
फिसलकर छिप जाती है।
11
तुम्हारे इंतज़ार में सदियां गुज़र गईं
तुम पास आ भी , मगर गै़रों की तरह ।
12
बस इतनी गुज़ारिश  है तुमसे
तुम मेरे हो ,ये व़हम ना तोड़ देना ।
13
हम तुम्हें अपना समझकर हक़ जताते रहे
तुमने हमें  मुकाबिल समझ लिया ।
14
प्यार तो रगो में बहता है
कोई काँटा नहीं है , जो काँटें से निकल जागा।
15
बुढ़ापे का तोहफा
लंबे  हो गये दिन-रात
गुज़रते ही नहीं ।
-0-

10 comments:

  1. परमजीत कौर जी विश्वास से भरी सामयिक सुंदर कविता के लिए बधाई ।
    डॉ.सुरंगमा जी सुंदर भावपूर्ण सृजन के लिए हार्दिक बधाई

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  2. दोनों रचनाएं बहुत ही सुंदर और पठनीय हैं | डा. सुरंगमा जी रचना में आशावादी भावना का प्र्वाह है | सुंदर काव्य शैली से मोटी बिखरे हैं |श्याम हिन्दी चेतना

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  3. बहुत बढ़िया अंक सहज साहित्य का,, परमजीत कौर रीत जी की कविता आशावादी संदेश देती है इन महामारी के संम्पति दिनों मे जन जन की स्वस्थय सेवाओं में तन्मयता से जुटे सभी कर्मचारियों कर्मयोग यों को साधुवाद देकर सब को इन सब की सेवाओं की तहेदिल से कद्र करने का संदेश देतीं हैं! लेखिका की कलम को भी साधुवाद हम पाठकों का,,
    डा.सुरंगमा जी की नन्हीं बीज कविताओं में भी बहुत से सार्थक संदेश हैं, बहुत संक्षिप्तता मे भी बहुत भारी असर भर दिया है आदरणीया जी ने,, बार बार पढ़ता है पाठक, और हर बार नया आनंद प्राप्त करता है,, डा.सुरंगमा साहिबा बेहद मझी काव्य कलम को हमारा सादर नमन!

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  4. परमजीत जी सुंदर लेखन के लिए बहुत बहुत बधाई,मेरा भी सलाम इन सभी जांबाज़ों को!
    सुरँगमा जी बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति,आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ!

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  5. कोरोना काल में सार्थक प्रस्तुति

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  6. सुन्दर प्रस्तुति

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  7. बहुत सुंदर भावपूर्ण कविताएँ...परमजीत जी, सुरंगमा जी हार्दिक बधाई।

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  8. उम्मीद की आस जगाती रचना, 'जीतेगी ज़िन्दगी', बधाई परमजीत जी.
    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई सुरंगमा जी.

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  9. परमजीत जी कोरोना की मार से लड़ रहे लोगों की देखरेख में लगे सभी कर्मठ लोगो को नमन ... सुरंगमा जी बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है हार्दिक बधाई आप दोनों को |

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  10. आप सभी के प्रति हार्दिक आभार । परमजीत जी सुन्दर, सामयिक सृजन के लिए आपको बधाई ।

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