पथ के साथी

Wednesday, February 5, 2020

953-सैनिक की पाती


रचना श्रीवास्तव 

मेरे लहू की गर्मी से जब बर्फ पिघलने लगे
पानी जब लाल रंग में बहने लगे 
तब समझ लेना तेरा एक और बेटा शहीद हो गया 
तेरी रक्षा की खातिर एक और हमीद खो गया 

लौटना चाहता हूँ घर मैं भी माँ पर देश को मेरी जरूरत है 
सिखाया था तूने ही इस माँ से पहले वह माँ है 
मारते हैं सैनिक ही चाहे इस पार  हो या उस पार 
फिर है ये कौन जो बीज नरत के बो गया 

तिरंगे में लिप लौटूँ, तो गले मुझको लगा लेना 
आँसू एँ आँखों में तो आँचल में उनको समा लेना 
मान से उठे पिता के मस्तक पर तिलक लगा देना 
हर जाता सैनिक रख बंदूक पर सर सो गया। 

सावन की हरियाली जब घर तेरा महकाए 
राखी पर जब बहन कोई घर लौटकर आए 
यादों के झुरमुट से तब चेहरा मेरा झाँकेगा 
समय की धार ने था जिसको अभी धो दिया ।


10 comments:

  1. रचना जी रचना - एक सैनिक की स्वदेश प्रेम की भावना से ओत -प्रोत कविता पढकर मेरे मन यही विचार उठता है कि हम सबको देश के प्रति ऐसी ही वलिदान की भावना होनी चाहिए | रचना पठनीय- स्मरणीय और सराहनीय है | इसके लिए आपको बहुत सारी बधाई ! श्याम हिन्दी चेतना

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  2. फिर ये कौन है जो नफरत के बीज बो गया...!!बड़ा ही मकर्मिक भाव। सच यदि ये बीज न होते तो संसार की कहानी अलग ही होती। शहीदों को कोटि कोटि नमन, और नमन और आभार उनके माता पिता को भी। रचना जी भावपूर्ण सृजन के लिए अनेकों बधाइयाँ।

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  3. देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत ये रचना जहाँ एक ओर सच्चे सैनिक के मनोभावों को व्यक्त करती है वहीं युद्ध की निरर्थकता की ओर भी संकेत करती है।भावपूर्ण एवम सुंदर रचना हेतु रचना जी को बधाई।

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  4. देशप्रेम की भावना की प्रेरणा देती,मर्मस्पर्शी,भावपूर्ण सुंदर कविता की रचना करने के लिए रचना जी आपको हार्दिक बधाई ।

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  5. स्नेह भरे शब्दों के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद
    रचना

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  6. मर्मस्पर्शी, भावपूर्ण रचना के लिए बहुत बधाई रचना जी।

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  7. राष्ट्र प्रेम से संचित , एक मर्मस्पर्शी कविता । युद्धभूमि से एक वीर सैनिक की चिट्ठी , अत्यंत भावसंचित है , जिसने मन भिगो दिया । बधाई लें ।

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  8. सैनिक के मन की बात कहती कविता .....बहुत सुंदर एवं मर्मस्पर्शी
    हार्दिक अभिनन्दन रचना जी

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  9. देशप्रेम से सराबोर सुंदर,मर्मस्पर्शी सृजन के लिए रचना जी को हार्दिक बधाई !

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  10. रचना जी देशप्रेम की भावना से भरी सैनिक पर रची रचना है एक एक शब्द मन में जोश पैदा करता है |तिरंगे में लिपट लौटूं तो गले मुझको लगा लेना .... बहुत मार्मिक भाव हैं |आपको हार्दिक बधाई रचना जी |

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