पथ के साथी

Sunday, February 10, 2019

878- वसंत


अवनि मैं आऊँगा
कमला निखुर्पा

अवनि मैं आऊँगा
तुम करना इंतजार मेरा
मैं बावरा बसंत  इस बरस भी
तुमसे मिलने आऊँगा।

प्यारी धरा! न हो उदास
जानता  हूँ मैं …
ग्रीष्म ने आकर तेरा तन-मन झुलसाया था
रेतीली आंधियों में तेरा मन-कमल मुरझाया था।

तड़पकर तुमने प्रिय पावस को पुकारा होगा 
पावस ने आकर तुम्हें बार-बार रुलाया होगा
गरजकर बरसकर तुम्हें कितना डराया होगा 
तन को झकझोर, मन में गिराकर बिजलियाँ 
ओ वसुन्धरा…तेरी गोद में छोड़ नन्हे अंकुरों को,
बैरी चल दिया होगा।

लेकर तारों की चूनर फ़िर छलिया शरद भी आया 
माथे पे तेरे  चाँद का टीका सजाकर भरमाया, बहलाया।
चाँदनी रातों मे उसने भी विरहन बना के रुलाया।
तेरी  करुण चीत्कार… पपीहे की पीर बन उभर आई होगी।
ओ मेरी वसुधा…मैंने सुनी है तेरी पुकार
मै आऊँगा।

शिशिर के आने से तू कितना घबराई होगी
छुपकर, कोहरे की चादर तले 
थर-थर काँपी होगी, पाले सी जम गयी होगी।
प्यारी अवनि तू न हो उदास…।
मै आऊँगा …

तेरे ठिठुरते बदन से उतार कोहरे की चादर धवल
मैं तुम्हें सरसों की वासंती चूनर ओढ़ाऊँगा
मैंने नयी-नयी पत्तियों से परिधान तेरा बनाया है।
खिलती कलियों को चुन हार तेरा सजाया है
सुनो…भँवरे की गुनगुन बन तेरे कानो में मुझे कुछ कहना है
यूँ लजाओ मत…कोयल की कूक बन तुम्हे गीत नये सुनाना है।
किसलय के आँचल को लहरा जब तू शरमाएगी
मैं तेरे पूरबी गालों पर लाली बन मुसकराऊँगा।
अवनि मैं आऊँगा।
तेरे मन उपवन में प्रेम के फ़ूल खिला,
त्रिविध बयार से तेरी  साँसों को महकाऊँगा।
तुम जोहना बाट मेरी…
अवनि मैं आऊँगा।
(रचनाकाल-04-02-2011)

13 comments:

  1. कितना सुंदर मनोरम है, वाह! बधाई।

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  2. बहुत सुंदर रचना कमला जी
    ग्रीष्म से वसंत तक का बहुत ही सुंदर चित्रण....
    सुंदर सृजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ

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  3. अवनि मैं आऊँगा। कितनी सकारात्मक सोच और हर ऋतु का सजीव चित्रण ।बहुत सुंदर। बधाई कमला जी।

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  4. वाह! बहुत ही ख़ूबसूरत कविता! हार्दिक बधाई आदरणीया कमला जी!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  5. वाह कमला जी मन प्रसन्न हो गया बसंत पर रची सुन्दर कविता है हार्दिक बधाई |

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  6. वसंत का बहुत सुंदर चित्रण... कमला जी हार्दिक बधाई।

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  7. सकारात्मकता से भरपूर एक मनोहारी रचना के लिए बहुत बधाई आपको...।

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  8. तेरे मन उपवन में प्रेम के फ़ूल खिला,
    त्रिविध बयार से तेरी साँसों को महकाऊँगा।
    तुम जोहना बाट मेरी…
    अवनि मैं आऊँगा।
    sunder badhayi
    rachana

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  9. बहुत सुंदर रचना कमला जी .....बहुत-बहुत बधाई !!

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  10. अतिउत्तम. बहुत सुन्दर और मनभावन रचना, बधाई कमला जी.

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  11. बहुत ही ख़ूबसूरत कविता!

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  12. अति सुन्दर सृजन आदरणीया कमला दीदी जी को हार्दिक बधाई

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