पथ के साथी

Saturday, October 27, 2018

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सार / ललित छन्द 
1- ज्योत्स्ना प्रदीप 
1
चंदा -सी काया हर घर मेंबाट चाँद की जोहे 
निशिकर  आया नभ में देखो ,नयनों को वो सोहे 
चाँद विभा का खुद प्रेमी हैंप्रेम न उसका दूजा l
युग बदला हो चाहे कितनानिशिकर सबने  पूजा !
2
छलनी लेकर हाथों में प्रिय ,तुमको नैन निहारे l
झरे ओज चंदा से प्यारातेरी आँखों वारे l
छलनी से पूजा है तुमकोछन- छन छने अँधेरे l
छलना ना जीवन में सजनासुख -दुख  तेरे -मेरे !
3
दीप -दीप से जग रौशन हैमन में पर अँधियारा
कोना-कोना मन का चमके , हो ऐसा उजियारा I
अँधियारी रातों को  मिलकर, भोर बना लो प्यारी
 नेह बना लो दिनकर -सा तुमहर मन हो सुखकारी
4
 कोमल मन तितली -सा  है राहें बड़ी कँटीली
जिस पर नेह लुटाया मन सेआँखें उस पल गीली
छल -बल से ना चलता जीवनजीत तो मन की होती
टहनी पर कितने काँटे होंकलियाँ पर ना रोतीं !
-0-
2-अनिता ललित
 1.
तुमसे ही जीवन में मेरे, पल-पल के उजियारे 
तुमसे ही माथे का सूरज, सजे माँग में तारे 
तुम्हीं आस, विश्वास तुम्हीं हो , तुमसे सपने सारे 
दुनिया सारी एक तरफ़ है, तुम प्राणों  से प्यारे ।। 
2.
चाँद गगन में आज खिला है, केसरिया- सा न्यारा
मेरे मन-आँगन में जैसे, साँवरिया है प्यारा
नयनों में है छवि रुपहली , तन-मन मैंने हारा
अर्पित मेरा जीवन प्रियवर , जनम-जनम है वारा
-0-
3-पूर्वा शर्मा
1
शरण तुम्हारी  आऊँ गुरुवर, आशीष सदा पाऊँ ।
राह दिखाते तुम ही पग-पग, और कहाँ मैं जाऊँ ।
 बिखरा देते ज्ञान की ज्योति, फिर उजियारा पाऊँ ।
 गुरु -शरण से सफल है  जीवन, गुरु महिमा ही गाऊँ ।।
2
मैं ना जानूँ कैसे भाँपे, यह मन ख़ुशबू तेरी ।
तेरे आने से पहले ही, महकीं बातें तेरी ।
तेरे क़दमों की आहट से, थमती धड़कन मेरी ।
 प्रेम-गीत   की धुन पर देखो, चलतीं साँसें मेरी ।।
-0-

13 comments:

  1. वाह! अद्भुत छँटा ललित छेद की।ज्योत्स्ना दी,ललित,पूर्वा जी बहुत सुंदर सृजन बधाई ।

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  2. रचनाकारत्रय ज्योत्स्ना जी, अनिता जी एवं पूर्वा जी को सुंदर रचनाओं हेतु हार्दिक बधाई।

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  3. बहुत सुन्दर , मनभावन प्रस्तुति , तीनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई !

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  4. सभी रचनायें अति सुंदर । सामयिक भी । बधाई ।

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  5. बहुत ही प्यारे से छन्द ....ज्योत्स्ना एवं अनिता जी सुन्दर सृजन हेतु हार्दिक अभिनंदन |
    मुझे प्रोत्साहित करने के लिए सभी का बहुत-बहुत आभार |

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  6. बहुत बढ़िया

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  7. मेरी छन्दों को यहाँ स्थान देने के लिए तहे दिल से आभारी हूँ भैया जी की...साथ ही आप सभी की जो अपना अमूल्य समय निकालकर टिप्पणी करते हैं!ये स्नेह बनाये रखियेगा!!!

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  8. पावन प्रेम में सम्पूर्ण समर्पण की उजास फैलाते बहुत सुन्दर छन्द अनिता जी !!
    गुरु महिमा और प्रेम पर लिखे छन्द मनमोहक हैं पूर्वा जी !!
    आप दोनों को हृदय - तल से बधाई !!

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  9. Are vaha sab chhayen huye hain bahut achchha lekhn sabko meri badhai..

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  10. प्रिय सखी ज्योत्स्ना जी एवं पूर्वा जी...अत्यंत सुंदर रचनाएँ। आप दोनों को बहुत-बहुत बधाई!
    मेरे छंद रचनाओं को यहाँ स्थान देने हेतु आदरणीय भैया जी का हार्दिक आभार तथा मेरे लिए प्रोत्साहन भरे शब्दों के लिए आप सभी सुधीजनों का हार्दिक आभार!!!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  11. सुंदर सृजन के लिए प्रदीप जी और अनिता जी को हार्दिक बधाई।

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  12. बहुत सुंदर प्रस्तुति पूर्वा जी हार्दिक बधाई।

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