छन्दशास्त्र में शालिनी, इन्दिरा/ कनकमंजरी,उपेन्द्रवज्रा,
इन्द्रवज्रा भुजंगी 11-11 वर्ण के छन्द हैं । इन सबके वर्णिक संयोजन में गणों का वैविध्य
है।दोधक भी 11 वर्ण का छन्द है।नाट्यशास्त्र के अनुसार इसमें तीन भगण( 211+211+211
और दो गुरु 2+2 होते हैं। आज डॉ ज्योत्स्ना शर्मा और गुंजन अग्रवाल के तीन-तीन दोधक दिए जा रहे हैं।
1-डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
1
मोहक मादक सावन आया
बादल सागर से जल लाया।
धूम मची जग में अति भारी
देख रहा नभ छूकर क्यारी ।
2
बूँद झरी जब दादुर बोले
नाच उठा मन-मानस डोले ।
पावन गीत बुने धरती ने
आँचल पुष्प चुने रस भीने ।
3
खूब सजा फिर दामन धानी
सूरज भूल गया मनमानी ।
यूँ मुझको तुम ना बिसराओ
साजन लौट अभी घर आओ ।
-0-
2-गुंजन अग्रवाल
दर्द हरे सुख हैं
बरसाते
जीवन की बगिया महकाते
पुष्प खिले मन आँगन मेरे
मित्र बने जब आज घनेरे
पावस हो तुमसे दिन जाते
आकर हो जब कण्ठ लगाते
राज नही तुमसे छिप पाते
दूर खड़े तुम हो मुसकाते
रक्त परे दिल का
यह नाता
मित्र बिना दिल चैन न पाता
मैं खुशकिस्मत जीवन प्यारा
यार मिला तुम -सा जब न्यारा ।
-0-
ज्योत्स्नाजी ,गुंजनजी,आप दोनों के दोधक बहुत सुंदर.मोहक हैं। बधाई
ReplyDeleteसावन और मित्र पर डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा और गुंजन अग्रवाल जी के दोधक बढ़िया भाव लेकर आये। बहुत सुन्दर लगीं यह पंक्तियाँ ---खूब सजा फिर दमन धानी /सूरज भूल गया मनमानी। … गुंजन जी आप की यह पंक्तियाँ ---दर्द हरे सुख हैं बरसाते /आकर जब कंठ लगाते ---मोहक लगीं। वधाई दोनों को।
ReplyDeletebahut achhi lagi "dodhak" rachnayen hardik shubhkamnaye...
ReplyDeleteआप सभी मित्रो का तहे दिल से धन्यवाद सराहना एवं मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए सदा आभारी रहूंगी ....भैया मेरे दोधक को सहज साहित्य में स्थान देने के लिए आप का ह्रदय तल से आभार .../\...
ReplyDeleteज्योत्स्ना जी सावन पर बहुत ही खूबसूरत दोधक ...बधाई
वाह! बहुत सुंदर 'दोधक' !
ReplyDeleteखूब सजा फिर दामन धानी, रक्त परे दिल का यह नाता-बहुत अच्छे लगे!
हार्दिक बधाई सखी ज्योत्स्ना जी एवं गुंजन जी !
~सादर
अनिता ललित
बहुत सुन्दर भाव भरे दोधक गुंजन जी ..बहुत बधाई !
ReplyDeleteप्रेरणा और स्नेह से परिपूर्ण उपस्थिति के लिए आप सभी सखियों का हृदय से आभार !
मेरे लिए सहज साहित्य पर स्थान पाना सदा हार्दिक प्रसन्नता एवं गौरव का विषय होता है भैया जी सदा स्नेह रखिएगा ...
सादर नमन के साथ
ज्योत्स्ना शर्मा
बहुत सुन्दर भावपूर्ण दोधक....ज्योत्स्ना जी, गुंजन जी हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteआज एक नई जानकारी मिली दोधक के बारे में...| बहुत सुन्दर दोधक हैं |
ReplyDeleteहार्दिक बधाई...|