डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
1
लेखनी उद्बोध लिखना और
फिर शृंगार भी ,
भक्ति , ममता ,हास भी हो दर्द
का संसार भी ।
तुम उठो ,उठ कर चलो ,जब भी समय की माँग
पर ;
दोस्ती की जीत लिखना, दुश्मनी की हार भी ।।
2
दोस्ती ,दिल को कुदरत का ईनाम है ,.
एक इनायत ,खुशी से भरा जाम है ।
हम इसे दुश्मनी में
बदलने ना दें :
ज़िंदगी में बड़ा ये भी
इक काम है ।।
3
जीर्ण चदरिया मन की मीठे बोलों से सिल जानी है ,
दृढ़ संकल्पों से विघ्नों की ,कठिन
शिला हिल जानी है ।
मरकर भी सुधियों में रह मन ,ऐसा
काम अमर कर जा ;
मिट्टी की काया है इक दिन, मिट्टी में
मिल जानी है ।।
4
नेकी मन से ना बिसराना
,सबसे
बड़ी इबादत है ,
दीन,दुखी पर दया दिखाना, सबसे बड़ी
इबादत है ।
जन्म दिया है जिसने
हमको ,धन-धान्य
से बड़ा किया ;
उनकी खातिर जान लुटाना, सबसे बड़ी इबादत है ।।
5
काम,क्रोध जब हृदय बसे तो खुशियों का संसार गया ,
कुटिल द्वेष का सर्प
विषैला जीते जी बस मार गया ।
जान लिया है लोभ ,मोह की वैतरणी है यह जीवन ;
दया ,धर्म का लिये सहारा ,जो डूबा वो पार गया ।।
-0-
बहुत प्रेरणादायक पंक्तियाँ...हार्दिक बधाई...|
ReplyDeleteहृदय से आभार प्रियंका जी !
Deleteशुभ कामनाओं के साथ
ज्योत्स्ना शर्मा
बहुत अच्छी कविता
ReplyDeleteज्योत्स्ना जी , बहुत सुंदर शिक्षाप्रद पंक्तियाँ लिखी है आपको हार्दिक बधाई |
ReplyDeleteज्योत्स्ना जी, बहुत अच्छी कविता; हार्दिक बधाई |
ReplyDeletekaafi seekh milatti hai in panktiyon se agar koi gune to jeevan nayya paar ho jaye bahut-bahut badhai...
ReplyDeleteबहुत-बहुत-बहुत... ही सुन्दर, प्रेरणादायक कविताएँ ज्योत्स्ना जी ! जीवन का सार हैं !
ReplyDeleteइतने ख़ूबसूरत सृजन के लिए आपको हार्दिक बधाई !
~सादर
अनिता ललित
bahut prernadayak kavita hai. jyotsana ji apako badhai .
ReplyDeletepushpa mehra.
ज्ञानपूर्ण कविता ज्योत्स्ना जी.....बधाई !
ReplyDeleteबोधात्मक , शिक्षाप्रद कविताएँ
ReplyDeleteबधाई
jyotsna ji.....prernadaiye v shikshaprad kavita likhi hai aapne ..aise gyan ki bahut zarooat hai hamare samaj mein.....badhai apko
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पंक्तियाँ
ReplyDeleteजीर्ण चदरिया मन की मीठे बोलों से सिल जानी है ,
दृढ़ संकल्पों से विघ्नों की ,कठिन शिला हिल जानी है ।
मरकर भी सुधियों में रह मन ,ऐसा काम अमर कर जा ;
मिट्टी की काया है इक दिन, मिट्टी में मिल जानी है ।।
आदरणीया कमला जी ,ज्योत्स्ना जी ,मंजु जी ,कृष्णा जी ,पुष्पा जी ,अनिता जी ,भावना जी ,सविता जी , शान्ति जी एवं आदरणीय सुभाष जी ....आप सभी का स्नेह और आशीर्वाद मेरी भावाभिव्यक्ति को मिला मैं हृदय से आभारी हूँ |
ReplyDeleteसादर
ज्योत्स्ना शर्मा
ज्योत्स्ना जी, बहुत अच्छी कविता; हार्दिक बधाई |
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