पथ के साथी

Thursday, August 5, 2010

तूफ़ान

ज़िन्दगी में अगर कोई तूफ़ान न होता।

तो मेरा ये सफ़र कभी आसान न होता।

रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

6 comments:

  1. आप जैसे 'गु्रु'का जब सिर पर हाथ हो
    फिर तो चाहे 'तूफ़ानो' से रोज़ मुलाकात हो

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  2. मेरे इन बच्चों पर आए जो तूफ़ान , उससे मैं ही खेलूँगा ।
    ये तूफ़ान तो मेरी ही रुह का हिस्सा है , इसको मैं ही झेलूँगा ।

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  3. aadarniy sir,
    bahut hi sateek avam bahut hi preranadayak post .aapne in do aapko panktiyo me jivan ka sara saar de diya.
    aapko hardik pranaam.
    poonam

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  4. jine ki icha ko badhati han ye nanhi pankityan... itna to jana...

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