सत्य
सत्य केवल एक होता है,
इसलिए अकेला होता है ।
सत्य दो नहीं होते ;
इसलिए सत्य का
कोई सफ़र का साथी नहीं होता ।
उसे सारा सफ़र
अकेले ही तय करना होता है ।
कोई बन्धु ,
कोई मित्र,
कोई सगा
उसके साथ चलना
पसन्द नहीं करता ।
-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
22-8-2008
पथ के साथी
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सत्य केवल एक होता है,
ReplyDeleteइसलिए अकेला होता है
और अकेला ही विजयी होता है :-)
मंजु