पथ के साथी

Saturday, November 16, 2024

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दोहे - विभा रश्मि (गुड़गाँव)


1

ओसारे में रात भर, भीगा पीत गुलाब।

रूप दिया फिर भोर ने, छिटका अमित शबाब।।

2

बिछे डगर में शूल जब, करें पाँव में छेद।

करके लहूलुहान भी, जतलाते ना खेद।।

 3

रिश्ते सब ओछे हुए, कैसे पले लगाव।

चिंदी- सा ईंधन बचा, कैसे जले अलाव।।

4

फुलवारी क्यारी कहे, सुन ले मन की बात। 

बिखरा सरस सुगंधियाँ, हँस ले सह आघात।। 

5

सुबह की नरम धूप खा, झूमी हरियल घास।

पीत रंग का पुष्प खड़ा, जगा रहा था आस।।

6

जन्मों का बंधन बँधा, जीता मन का साथ।

फिर क्यों मेरे हाथ से, छूटा तेरा हाथ।।

7

चलें हवाएँ विष भरी, दूषित हर जलधार।

कुदरत भी है सोचती, किसने ठानी रार।।

8

सघन कुहासा है तना, धुँधली हुई उजास।

सभी नज़ारे छुप गए, मनवा हुआ उदास।।

9

जल जिस साँचे में पड़े ,लेता वह आकार।

ऐसा ही सज्जन सदा, करते हैं आचार।।

10

किरणें नहलाती रहीं, उपवन झील पहाड़।

तिल जैसे नन्हे घटक , बनना चाहें ताड़।।

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38 comments:

  1. बहुत सुन्दर दोहे।
    हार्दिक बधाई 💐💐💐

    सादर

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    1. दिल से आभार आपका ।

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  2. वाह, बहुत सुंदर, हार्दिक शुभकामनाऍं।

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    1. हृदय तल से आभार भीकम भाई ।

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  3. अनिता मंडा16 November, 2024 22:30

    सुंदर दोहे हैं।

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    1. अनिता जी दिली आभार आपका ।

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  4. बहुत सुंदर दोहे।
    ढेरों शुभकामनाएँ।

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    1. अनिता जी आपका दिल से शुक्रिया ।

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  5. बहुत सुन्दर सृजन 🙏

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    1. आपकी हृदय तल से आभारी हूँ ।

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  6. बहुत ही सुन्दर।
    हार्दिक बधाई आपको।

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    1. दोहे पसंद करने के लिए दिल से शुक्रिया।

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  7. बहुत ही सुंदर, मनभावन दोहे। हार्दिक बधाई विभा जी। सुदर्शन रत्नाकर

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    1. आपको तहेदिल से शुक्रिया रत्नाकर जी ।

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    1. आपका तहेदिल से शुक्रिया उमेश भाई।

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  9. बहुत सुंदर दोहे।

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    1. डाॅक्टर सुरंगमा जी आपका दिल से आभार ।

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  10. बहुत सुंदर दोहे...हार्दिक बधाई विभा जी।

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    1. आपका हार्दिक आभार।

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  11. विजय जोशी17 November, 2024 16:34

    सुंदर, सटीक, सार्थक एवं समकालीन। हार्दिक बधाई

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    1. हृदय तल से आपका आभार ।

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  12. शुभकामनाएं बहुत सुंदर लिखा है

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    1. हार्दिक आभार आपका ।

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  13. बहुत सुंदर भावपूर्ण दोहे

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  14. बहुत सुंदर एवं भावपूर्ण दोहे!

    ~सादर
    अनिता ललित

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    1. दिल.से आपका शुक्रिया अनिता जी ।

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  15. मनमोहक दोहे , कहीं प्रकृति का सौन्दर्य है तो कहीं रिश्तों की सच्चाई | सादर शुभकामनायें .....कमला निखुर्पा

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    1. दिल से आपका बहुत आभार कमला जी ।

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  16. वाह, सभी दोहे अत्यंत सुन्दर, भावपूर्ण. हार्दिक बधाई

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    1. हार्दिक आभार आपका. शिवजी भाई ।

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  17. 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻 ग़ज़ब

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  18. सभी दोहे सुंदर, मनमोहक!

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  19. बहुत सुन्दर एवं अर्थपूर्ण दोहे, बधाई विभा रश्मि जी.

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  20. रामेश्वरजी,आपका सतत-समृद्ध-लेखन हिन्दी साहित्य की भी उपलब्धि है।
    सुझाव या अनुरोध-आग्रह,जो भी मानिये--अपने अद्यतन बालसाहित्य को
    एक जिल्द में भी कर दीजिये।
    बन्धु कुशावर्ती,बृहस्पतिवार:२१-११-२०२४,
    ८.२५ प्रात:,लखनऊ ९७२१८ ९९२६८

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  21. दोहों की इस नाव में,भाव भरे गम्भीर।
    बन्धु कुशावर्ती,८.३२ प्रात:,बृहस्पतिवार,
    लखनऊ:२१-११-२०२४//९७२१८ ९९२६८

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  22. बहुत सुंदर भाव, बहुत सुंदर शब्द संयोजन, प्रकृति के सुंदर बिंब लिए बहुत सुंदर दोहे। बधाई विभा रश्मि जी 💐

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  23. बहुत सुंदर सार्थक दोहे... हार्दिक बधाई।

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