पथ के साथी

Wednesday, March 6, 2024

1404-कविताएँ

 

रश्मि विभा त्रिपाठी

1-आत्मा के तल में



मेरे मन के मरुथल में
तुम
बादल का एक टुकड़ा
जब- जब दुख की आग में तपना पड़ा
एक पल में
कर दी रिमझिम बरसात
तुम्हारी हर एक बात
अमृत का घड़ा
मैं जी उठी
उत्साह हो गया
उठकर खड़ा
तुम
मेरी आत्मा के तल में
असल में
मेरे जीवन में तुम्हारा स्थान है
ईश्वर से बड़ा।

2- अर्थ

बेकार से खोखल बाँसों को
जब कृष्ण ने
अपने अधरों से छुआ
वो
उस पल से
बाँसुरी
हो गए,
सो गए
मेरे भाग को
मेरे मीत
तुमने ऐसे ही जगाया है
जिस पल
मुझे गले लगाया है
फैलाकर अपनी बाहों को
छूकर मेरी साँसों को
जो बीत रहा था
व्यर्थ,
मेरे उस जीवन को
तुमने दे दिया एक सुन्दर अर्थ।

3- आओ

बहुत ढूँढा
मगर
किसी किताब में
कहीं नहीं मिल पाया
वो लफ़्ज
कि जिसमें मैं पिरो देती
तुम्हारे अहसास के वो फूल
जिनसे हुई है
मेरी ज़िन्दगी सरसब्ज़
तुम जानना चाहो मुझसे कुछ
अपने बारे में
अगर
तो किसी पल आओ
मेरे सिरहाने बैठो
और टटोलो मेरी नब्ज़।

4- इबादत

मेरी आँखों के झरोखे में
तुम झाँककर देखो
ये जो बहुत ऊँची
मेरे ख्वाबों की गगनचुम्बी इमारत है
इसे भला कौन तोड़ सकेगा?
इसकी बुनियाद
तुम हो
कोई कहर
किसी पहर
टूट नहीं सकता
मेरे हाथों से
खुशी का दामन अब छूट नहीं सकता
मुझपर तुम्हारी इनायत है
तुम्हारे दम से
मेरी खंडहर पड़ी ज़िन्दगी में
आज फिर से
रौनक है,
दिल के दरीचे में
मैं
तुम्हारे सजदे में हूँ
तुम्हारा प्यार मेरी इबादत है।

5- रूह

तड़के उठते ही
आज मुझे
पापा की याद आ गई
मेरी आँखों में
अचानक नमी छा गई
काश! आज वो यहाँ होते...
ये सोचकर
मैंने
आसमान की ओर देखा
और सच मानो
तबसे
अब तक लगातार
बारिश हो रही है
बिजली भी कड़क रही है बार- बार
जैसे
बादल कह रहा हो
कि
दुनिया में इन्सान ही नहीं,
अपनों से बिछुड़कर
जन्नत में
रूह भी
हुड़ककर रोती है ज़ार- ज़ार।

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12 comments:

  1. निशब्द । भीतर तक शब्दों का, भावनाओं का एहसास कराती कविताएँ। हार्दिक बधाई। सुदर्शन

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  2. सुदर्शन रत्नाकर

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  3. वाह ! सभी कविताएँ सुंदर लेकिन "आओ" कविता ने ख़ास तौर पर प्रभावित किया

    सादर
    मंजु मिश्रा
    https://manukavya.wordpress.com

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  4. अत्यंत सुंदर कविताएँ...हार्दिक बधाई।

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  5. बहुत सुंदर रचना

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  6. बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय रचनाएं

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  7. प्रेम पगी सुंदर कविताएँ। बधाई विभा जी

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  8. भावों का उद्रेक उद्वेलित कर गया।हार्दिक बधाई आपको।

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  9. बहुत सुंदर रचनाएँ रश्मि जी!!💐

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  10. अंतस को भिगोती हुई बहुत ख़ूबसूरत कविताएँ!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  11. बहुत सुंदर

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