रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
वाह,वाह,वाह,तथाकथित लोकतंत्र के कर्णधारों पर सशक्त कटाक्ष।आपकी लेखनी को प्रणाम।
बहुत सुंदर लिखा, हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।
आपका हार्दिक आभारी हूँ।
सुंदर कविता लिखी भैया
धन्यवाद अनुजा
वाह्ह्ह! वाह्ह्ह!! सत्य है... सत्य है... 🙏🌹 इस लेखनी को कोटि कोटि नमन 🙏🙏🌹🌹🌹
बहुत अच्छी रचना है।
बहुत सुंदर
वाह! तीखा व्यंग्य।
बहुत खूब आदरणीय, भ्र्ष्टाचार पर तीखा प्रहार!!
व्यंग्य की तीखी धार मन को आनंदित कर गई , मेरी हार्दिक बधाई
बहुत ही बढ़िया! एक-एक शब्द चित्र उकेरता! नमन आपकी लेखनी को आदरणीय भैया जी!~सादर अनिता ललित
बहुत बढ़िया कटाक्ष.
तीखा कटाक्ष...हार्दिक बधाई आपको।
वाह,वाह,वाह,तथाकथित लोकतंत्र के कर्णधारों पर सशक्त कटाक्ष।आपकी लेखनी को प्रणाम।
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिखा, हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआपका हार्दिक आभारी हूँ।
ReplyDeleteसुंदर कविता लिखी भैया
ReplyDeleteधन्यवाद अनुजा
Deleteवाह्ह्ह! वाह्ह्ह!! सत्य है... सत्य है... 🙏🌹 इस लेखनी को कोटि कोटि नमन 🙏🙏🌹🌹🌹
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना है।
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteवाह! तीखा व्यंग्य।
ReplyDeleteबहुत खूब आदरणीय, भ्र्ष्टाचार पर तीखा प्रहार!!
ReplyDeleteव्यंग्य की तीखी धार मन को आनंदित कर गई , मेरी हार्दिक बधाई
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया! एक-एक शब्द चित्र उकेरता! नमन आपकी लेखनी को आदरणीय भैया जी!
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित
बहुत बढ़िया कटाक्ष.
ReplyDeleteतीखा कटाक्ष...हार्दिक बधाई आपको।
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