पथ के साथी

Thursday, September 1, 2022

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 रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'


14 comments:

  1. वाह,वाह,वाह,तथाकथित लोकतंत्र के कर्णधारों पर सशक्त कटाक्ष।आपकी लेखनी को प्रणाम।

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  2. www.nilambara.shailputri.in01 September, 2022 09:50

    बहुत सुंदर लिखा, हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।

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  3. आपका हार्दिक आभारी हूँ।

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  4. सुंदर कविता लिखी भैया

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  5. वाह्ह्ह! वाह्ह्ह!! सत्य है... सत्य है... 🙏🌹 इस लेखनी को कोटि कोटि नमन 🙏🙏🌹🌹🌹

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  6. बहुत अच्छी रचना है।

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  7. बहुत सुंदर

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  8. वाह! तीखा व्यंग्य।

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  9. बहुत खूब आदरणीय, भ्र्ष्टाचार पर तीखा प्रहार!!

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  10. व्यंग्य की तीखी धार मन को आनंदित कर गई , मेरी हार्दिक बधाई

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  11. बहुत ही बढ़िया! एक-एक शब्द चित्र उकेरता! नमन आपकी लेखनी को आदरणीय भैया जी!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  12. तीखा कटाक्ष...हार्दिक बधाई आपको।

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