पथ के साथी

Monday, December 20, 2021

1169- अहम् मृत्यु

 अहम् मृत्यु

मूल ओड़िआ रचना - श्री अमरेश विश्वाल(कवि एवं उपन्यासकार)

अनुवाद -अनिमा दास

 

मैं एवं मृत्यु


हैं समीपस्थ...

मानो वह हो आरक्षी

एवं मैं होऊँ अपराधी।

 

एक यात्री वाहन में

हम बैठें हु हैं

अति निकटस्थ।

 

मैं खोज रहा हूँ

गतिशीलता

जीवन के गवाक्ष में।

वह पढ़ रही है

समाचार- पत्र का

अंतिम पृष्ठ...।

 

 

मैं नहीं जानता


क्यूँ ठहर गया

यह शकटाकृति वाहन

एक पर्णकुटी के समक्ष

जहाँ थी केवल निराट शून्यता।

 

जहाँ था स्वच्छ प्रांगण में

अर्धमृत तुलसी का एक पौधा

एवं एक जोड़ी

जीर्ण-शीर्ण खड़ाऊँ।

 

जैसे किसी ने प्राचीन धर्मग्रन्थ को

घृणाजल से किया था सिक्त

जिसने किया था आबद्ध

उस कुटी को

काष्ठ सा हो रहा था प्रतीत

एवं उस पर हुआ था उत्कीर्ण

प्राक-कालीन युगल पदचिह्न ।

 

मैं था अत्यंत तृषित

किंतु निश्चिन्त मृत्यु थी

असीम निद्रा में

उसने दिये मुझे

दो चषक पेय।

 

 

मैंने कहा-

यदि देना है तो दो

पाप से पूर्ण अँजुरी,

दो सजल किंतु हर्षित

चक्षु युगल

एवं आलिंगनबद्ध द्वय देह 

 

मेरे लिए थी मृत्यु की

एक संक्षिप्त युक्ति–

तपस्विनी_ सी मृत्यु के अधर पर

थी अल्प स्मित

उसने कहा....

तुम , असहाय मानव!

जिस मदमत्त उन्मुक्त जीवन

से करते हो अटूट प्रेम

उससे तो मृत्यु ही है श्रेयस्कर–

उससे तो मृत्यु ही है श्रेयस्कर–

 

 

21 comments:

  1. बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
    हार्दिक बधाई आदरणीया।

    सादर



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    1. जी सादर धन्यवाद 🙏🙏🌹

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  2. आदरणीय अमरेश जी को हार्दिक बधाई।

    सादर

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    1. जी हार्दिक धन्यवाद 🙏🌹

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  3. तुम , असहाय मानव!
    जिस मदमत्त उन्मुक्त जीवन
    से करते हो अटूट प्रेम
    उससे तो मृत्यु ही है श्रेयस्कर–
    उससे तो मृत्यु ही है श्रेयस्कर....गहन अर्थव्यञ्जक प्रभावी कविता,सुंदर भावानुवाद।अमरेश विश्वाल एवं अनिमा दास जी को बधाई।

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    1. जी हार्दिक धन्यवाद 🙏🌹💐

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  4. रचना और अनुवाद दोनों बहुत सुंदर। हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।

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    1. जी हार्दिक धन्यवाद 🙏🌹

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  5. प्रभावशाली रचना एवं अनुवाद... अमरेश जी तथा अनिमा जी को हार्दिक बधाई।

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    1. जी हार्दिक धन्यवाद 🙏🌹

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  6. सुन्दर रचना, बेहतरीन अनुवाद दोनों को हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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    1. जी हार्दिक आभार 🙏🌹

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  7. बहुत ही भावपूर्ण रचना
    अमरेश जी एवं अनिमा जी को हार्दिक शुभकामनाएँ

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    1. जी हार्दिक धन्यवाद 🙏🌹

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  8. सुन्दर रचना

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    1. जी हार्दिक धन्यवाद 🙏🌹

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  9. Replies
    1. जी हार्दिक धन्यवाद 🙏🌹

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  10. बहुत सुंदर, भावपूर्ण रचना। अमरेश जी एवं अनिमा जी को हार्दिक बधाई ।

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    1. जी हार्दिक आभार सह अभिनन्दन 🙏🌹

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  11. एक सुन्दर रचना के लिए रचनाकार के साथ अनुवादक भी बधाई का पात्र होता है | सो अमरेश जी और अणिमा जी को बहुत बधाई

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