रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
सुन्दर, बहुत ही भावपूर्ण ।हार्दिक बधाई आदरणीय गुरुवर।🌷💐सादर
बेहतरीन, हार्दिक शुभकामनाएँ ।
बहुत ही भावपूर्ण और सुन्दर कविता गुरु जी।💐
बहुत खूब सर
प्रेरक।
बहुत सुंदर कविता।बधाई भैया।
“अपने मन को तूफानों में भी मरने नहीं देता यह जो गिर कर फिर चट्टान सा खड़ा है” सुंदर भाव पूर्ण कविता के लिये बधाई सर.
आप सभी की मूल्यबान् टिप्पणियों के लिए अतिशय आभार।
बहुत सुन्दर भावपूर्ण कविता...हार्दिक बधाई।
पहाड़ से खड़े दुःख के समय मे भी जो अपने मन को काबू में रखकर दूसरे के दुःख को समझता है वही सच्चा इंसान है। दुःख एक वक्त है जीवन की परीक्षा का -अच्छी सकारात्मक कविता, बधाई।।
प्रेरणादायक रचना,, हार्दिक बधाई।
'.....इसको तूफानों ने गढ़ा है', वाह! बहुत सुंदर , धन्यवाद आदरणीय!
तूफानों से गढ़े हुए हर इंसान के लिए जैसे आपने कितना कुछ कह दिया | इस सुन्दर रचना के लिए बहुत बधाई आदरणीय काम्बोज जी को
बहुत सुंदर कविता! हार्दिक बधाई आदरणीय भैया जी!~सादर अनिता ललित
सुन्दर, बहुत ही भावपूर्ण ।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई आदरणीय गुरुवर।🌷💐
सादर
बेहतरीन, हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteबहुत ही भावपूर्ण और सुन्दर कविता गुरु जी।💐
ReplyDeleteबहुत खूब सर
ReplyDeleteप्रेरक।
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता।बधाई भैया।
ReplyDelete“अपने मन को
ReplyDeleteतूफानों में भी
मरने नहीं देता
यह जो गिर कर
फिर चट्टान सा खड़ा है”
सुंदर भाव पूर्ण कविता के लिये बधाई सर.
आप सभी की मूल्यबान् टिप्पणियों के लिए अतिशय आभार।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण कविता...हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteपहाड़ से खड़े दुःख के समय मे भी जो अपने मन को काबू में रखकर दूसरे के दुःख को समझता है वही सच्चा इंसान है। दुःख एक वक्त है जीवन की परीक्षा का -अच्छी सकारात्मक कविता, बधाई।।
ReplyDeleteप्रेरणादायक रचना,, हार्दिक बधाई।
ReplyDelete'.....इसको तूफानों ने गढ़ा है', वाह! बहुत सुंदर , धन्यवाद आदरणीय!
ReplyDeleteतूफानों से गढ़े हुए हर इंसान के लिए जैसे आपने कितना कुछ कह दिया | इस सुन्दर रचना के लिए बहुत बधाई आदरणीय काम्बोज जी को
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता! हार्दिक बधाई आदरणीय भैया जी!
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित