पथ के साथी

Thursday, July 22, 2021

1116

 

1-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

 1


मैं तेरे मन में रहूँ, जैसे तन में साँस।

जब तक ये जीवन  रहेरखना अपने पास।

2

तेरे नैनों में रहूँ , बनकर गीली कोर।

पलकें चूमूँ  प्यार से, बनकर उजली भोर।।

-0-

2-माटी और मन / डॉ . महिमा श्रीवास्तव

 माटी सी देह


माना

माटी में मिल जानी है

कनपटी पर सफेदी,

आँखों के नीचे स्याही

फीकी होती रंगत

मरालग्रीवा पर सिलवटें।

सन्त जीवन से

विदा हो चुका है

पर इस मन का क्या

ये तो सावन में अब भी

गुनगुनाता है बारहमासी

विरह का रं

उतरा ही नहीं

मिलन का रं

कभी चढा नहीं।

कुलाँचे भरता मन

कभी बचपन की

उजली हँसी बिखेरता

तो कभी किशोर- सा

मचल उठता बेकाबू।

लिखता मिटाता  संदेश

झिझकते तारुण्य सा

शरीर समय की मार से

बिखरता दर्पण निहार

मन हँस- हँस -के झेलता

उम्र ढलने के प्रहार।

 -0-

 34/ 1, सर्कुलर रोड, मिशन कंपाउंड के पास, अजमेर( राज.)--305001

Email: jlnmc2017@gmail.com

 -0-

2-साँवरे के रंग / पूनम सैनी

 


मैं साँवरे के रंग राची होके बाँवरिया

मैं साँवरे के संग नाची,पहनी पायलिया

 

घिर-घिर आए मेघा चमकी बिजुरिया

मैं साँवरे के संग नाची,पहनी पायलिया

 

पेड़,पशु झूमे सारे ताल-तलैया

मैं साँवरे के संग नाची,पहनी पायलिया

 

सज-धज नाथ शम्भू,नाचे ता थैया

मैं साँवरे के संग नाची,पहनी पायलिया

 

गोपियाँ चकोर भई, चाँद साँवरिया

मैं साँवरे के संग नाची,पहनी पायलिया

 

नाग नथैया मोहन,मुरली बजैया

मैं साँवरे के संग नाची,पहनी पायलिया

-0-

18 comments:

  1. बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति।

    आप तीनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

    सादर

    ReplyDelete
  2. सुंदर दोहे, महिमा जी ,पूनम जी की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  3. सुंदर दोहे,महिमा जी एवं पूनम जी की सुंदर कविताएँ।आप सभी को बधाई

    ReplyDelete
  4. अति उत्तम सृजन। तीनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई, शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  5. अति कोमल भाव लिए उत्कृष्ट दोहे। आदरणीय कांबोज भैया का सृजन मार्गदर्शक होता है।
    डॉ महिमा श्रीवास्तव की संवेदना में पगी सुंदर रचना से उपजी कसक को पूनम जी के श्रृंगार ने माधुर्य रस से सराबोर कर दिया। सभी रचनाकारों को बधाई !

    ReplyDelete
  6. हार्दिक आभार आप सभी का।

    ReplyDelete
  7. गुरु जी बहुत ही सुंदर और भावनात्मक दोहे रचे है आपने।प्रेमपूर्ण अभिव्यक्ति बहुत ही प्यारे शब्दों के साथ।

    ReplyDelete
  8. महिमा जी की रचना भी बहुत सुंदर और मार्मिक।मन का लचीली अभिव्यक्ति सकारात्मकता को बल दे रही है।

    ReplyDelete
  9. उम्दा, भावपूर्ण दोहे। सुंदर कविताएँ। हार्दिक बधाई

    ReplyDelete
  10. आप सबके अनुपम स्नेह और प्रोत्साहन के लिए अनुगृहीत हूँ।
    काम्बोज

    ReplyDelete
  11. भावपूर्ण दोहे,सुंदर कविताएँ।हार्दिक बधाई।

    ReplyDelete
  12. कोमल भाव लिए सुंदर दोहे, दोनो कविताएँ भी सुंदर!

    ReplyDelete
  13. सुंदर रचनाएं, हार्दिक बधाई।

    ReplyDelete
  14. सुंदर भावपूर्ण दोहेऔर कविताएँ। आप सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।

    ReplyDelete

  15. अति सुन्दर सृजन!
    आप सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवँ शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
  16. अतिसुन्दर, मन को भिगोने वाले दोहे आ. भैया जी के तथा महिमा जी एवं पूनम जी की सुन्दर कविताएँ!
    आप सभी को हार्दिक बधाई!

    ~सादर
    अनिता ललित

    ReplyDelete
  17. सुन्दर दोहे के लिए आदरणीय काम्बोज जी को बहुत बधाई | महिमा जी और पूनम जी को उनकी प्यारी कविताओं के लिए बहुत बधाई |

    ReplyDelete