पथ के साथी

Sunday, July 25, 2021

1117-दोहे

 कृष्णा वर्मा



19 comments:

  1. बेहतरीन दोहे,कृष्णा वर्मा जी को हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  2. जिनसे थी सुख आस
    🙏🙏🙏❤️❤️❤️

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  3. सभी दोहे बहुत सुंदर हैं। सुधा समझ पी लिया बहुत अच्छा प्रयोग। बधाई कृष्णा जी।

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  4. सभी दोहे बहुत सुंदर।बधाई कृष्णा वर्मा जी

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  5. बहुत सुंदर दोहे।बधाई कृष्णा वर्मा जी।

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  6. सभी दोहे उत्तम। सुंदर अभिव्यक्ति। बधाई कृष्णा वर्मा जी।

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  7. बहुत सुंदर भावपूर्ण दोहे,, हार्दिक बधाई।

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  8. वाह!एक से बढ़कर एक सुंदर दोहे! धन्यवाद कृष्णा जी!!

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  9. सुन्दर दोहे, हार्दिक बधाई।

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  10. बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण दोहे।
    हार्दिक बधाई आदरणीया।

    सादर

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  11. रिश्तों में अपेक्षाओं का बोझ उपेक्षा ही देता है इसी केंद्रीय भाव के सुंदर दोहे प्रस्तुत हुए हैं-बधाई

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  12. बहुत सुन्दर दोहे हैं, बधाई कृष्णा जी |

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  13. सभी दोहे एक से बढ़कर एक हैं हार्दिक बधाई।

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  14. सुंदर दोहे

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  15. बहुत सुंदर दोहे

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  16. बहुत ही शानदार लिखा कृष्णा जी ने ... बधाई सहित शुभकामनाएं

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  17. कृष्णा जी के दोहे उने मन की वेदना है | सब कुछ कह दिया है आपने इन दोहों में | हम जानते हैं कि दुनिया में आजकल जिन्हें हम मित्र समझते हैं वही पीठ में छुरा बोंकते हैं |बहुत ही सत्य लिखा है कृष्णा जी !
    श्याम -हिन्दी चेतना

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  18. जीवन के कटु सत्य को ख़ूबसूरती से दर्शाते बहुत भावपूर्ण दोहे।
    हार्दिक बधाई आ.दीदी 🙏🏼

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  19. अतिसुन्दर अभिव्यक्ति! मन को छू गए सभी दोहे!
    हार्दिक बधाई आ.कृष्णा दीदी!

    ~सादर
    अनिता ललित

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