1-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
मैं तेरे मन में रहूँ, जैसे तन में साँस।
जब तक ये जीवन रहे, रखना अपने पास।
2
तेरे नैनों में रहूँ , बनकर गीली कोर।
पलकें चूमूँ प्यार से, बनकर उजली
भोर।।
-0-
2-माटी
और मन / डॉ . महिमा श्रीवास्तव
माटी सी देह
माना
माटी में
मिल जानी है
कनपटी पर
सफेदी,
आँखों के
नीचे स्याही
फीकी
होती रंगत
मरालग्रीवा
पर सिलवटें।
बसन्त जीवन से
विदा हो
चुका है
पर इस मन
का क्या
ये तो
सावन में अब भी
गुनगुनाता
है बारहमासी
विरह का रंग
उतरा ही
नहीं
मिलन का रंग
कभी चढा
नहीं।
कुलाँचे
भरता मन
कभी बचपन
की
उजली
हँसी बिखेरता
तो कभी
किशोर- सा
मचल उठता
बेकाबू।
लिखता
मिटाता संदेश
झिझकते
तारुण्य सा
शरीर समय
की मार से
बिखरता
दर्पण निहार
मन हँस- हँस -के
झेलता
उम्र
ढलने के प्रहार।
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34/ 1, सर्कुलर रोड, मिशन कंपाउंड के पास, अजमेर( राज.)--305001
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2-साँवरे के रंग / पूनम सैनी
मैं साँवरे के रंग राची होके बाँवरिया
मैं
साँवरे के संग नाची,पहनी पायलिया
घिर-घिर
आए मेघा चमकी बिजुरिया
मैं
साँवरे के संग नाची,पहनी पायलिया
पेड़,पशु झूमे सारे ताल-तलैया
मैं
साँवरे के संग नाची,पहनी पायलिया
सज-धज
नाथ शम्भू,नाचे ता
थैया
मैं
साँवरे के संग नाची,पहनी पायलिया
गोपियाँ
चकोर भई, चाँद साँवरिया
मैं
साँवरे के संग नाची,पहनी पायलिया
नाग
नथैया मोहन,मुरली बजैया
मैं
साँवरे के संग नाची,पहनी पायलिया
-0-
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति।
ReplyDeleteआप तीनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
सादर
सुंदर दोहे, महिमा जी ,पूनम जी की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसुंदर दोहे,महिमा जी एवं पूनम जी की सुंदर कविताएँ।आप सभी को बधाई
ReplyDeleteअति उत्तम सृजन। तीनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई, शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteअति कोमल भाव लिए उत्कृष्ट दोहे। आदरणीय कांबोज भैया का सृजन मार्गदर्शक होता है।
ReplyDeleteडॉ महिमा श्रीवास्तव की संवेदना में पगी सुंदर रचना से उपजी कसक को पूनम जी के श्रृंगार ने माधुर्य रस से सराबोर कर दिया। सभी रचनाकारों को बधाई !
सबका आभार।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आप सभी का।
ReplyDeleteगुरु जी बहुत ही सुंदर और भावनात्मक दोहे रचे है आपने।प्रेमपूर्ण अभिव्यक्ति बहुत ही प्यारे शब्दों के साथ।
ReplyDeleteमहिमा जी की रचना भी बहुत सुंदर और मार्मिक।मन का लचीली अभिव्यक्ति सकारात्मकता को बल दे रही है।
ReplyDeleteउम्दा, भावपूर्ण दोहे। सुंदर कविताएँ। हार्दिक बधाई
ReplyDeleteआप सबके अनुपम स्नेह और प्रोत्साहन के लिए अनुगृहीत हूँ।
ReplyDeleteकाम्बोज
भावपूर्ण दोहे,सुंदर कविताएँ।हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteकोमल भाव लिए सुंदर दोहे, दोनो कविताएँ भी सुंदर!
ReplyDeleteसुंदर रचनाएं, हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteसुंदर भावपूर्ण दोहेऔर कविताएँ। आप सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
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ReplyDeleteअति सुन्दर सृजन!
आप सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवँ शुभकामनाएँ।
अतिसुन्दर, मन को भिगोने वाले दोहे आ. भैया जी के तथा महिमा जी एवं पूनम जी की सुन्दर कविताएँ!
ReplyDeleteआप सभी को हार्दिक बधाई!
~सादर
अनिता ललित
सुन्दर दोहे के लिए आदरणीय काम्बोज जी को बहुत बधाई | महिमा जी और पूनम जी को उनकी प्यारी कविताओं के लिए बहुत बधाई |
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