सीमा सिंघल 'सदा'
2-मैंने कब कहा?
डॉ . महिमा
श्रीवास्तव
मैं तुम्हारी बहुत कुछ हूँ
यह भी ना कहा
कि कुछ तो हूँ
फिर क्यों मुझे कहा
तुम कौन?
मैंने कब कहा
मुझे अपना आकाश दो
या अपने हिस्से की
छाया ही दो
फिर क्यों मेरे पाँव तले की
ज़मीन खिसका ली गई?
मैंने कब कहा
मुझे याद तुम करो
या मुस्कुराने का बहाना दो
फिर क्यों आँसुओं की
बिन माँगी सौगात दी।
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सर्कुलर रोड, मिशन कंपाउंड के पास,
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महिमा जी और सीमा जी के मन भाव पढ़े बहुत अच्छे लगे हार्दिक बधाई।
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ReplyDeleteसीमा जी और महिमा जी को सुंदर रचनाओं के लिए बधाई!
ReplyDeleteसीमा जी,महिमा जी, बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति।आप दोनों को हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteभावों की सुन्दर अभिव्यक्ति महिमा जी व सीमा जी को हार्दिक बधाई
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
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