पथ के साथी

Saturday, January 9, 2021

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 सीमा सिंघल 'सदा'

 1

 

2-मैंने कब कहा?

डॉ . महिमा श्रीवास्तव

 मैंने कब कहा

मैं तुम्हारी बहुत कुछ हूँ

यह भी ना कहा

कि कुछ तो हूँ

फिर क्यों मुझे कहा

तुम कौन?

मैंने कब कहा

मुझे अपना आकाश दो

या अपने हिस्से की

छाया ही दो

फिर क्यों मेरे पाँव तले की

ज़मीन खिसका ली गई?

मैंने कब कहा

मुझे याद तुम करो

या मुस्कुराने का बहाना दो

फिर क्यों आँसुओं की

बिन माँगी सौगात दी।

-0-

पता: 34/1, सर्कुलर रोड, मिशन कंपाउंड के पास, झम्मू होटल के सामने,     अजमेर( राज.)- 305001

Mob.no. 8118805670

 Email: jlnmc2017@ gmail.

 

6 comments:

  1. महिमा जी और सीमा जी के मन भाव पढ़े बहुत अच्छे लगे हार्दिक बधाई।

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  3. सीमा जी और महिमा जी को सुंदर रचनाओं के लिए बधाई!

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  4. सीमा जी,महिमा जी, बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति।आप दोनों को हार्दिक बधाई।

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  5. भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति महिमा जी व सीमा जी को हार्दिक बधाई

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  6. सुन्दर प्रस्तुति

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