मंज़िलें लापता
ख़्वाहिशें ज़िद्दी -
दर -दर घुमाएँ,
रास्ते
भुलाएँ,
हमें
हराएँ,
बड़ा
थकाएँ,
अपनों
की याद में
खूब
रुलाएँ....।
काश!
कोई आए -
हाथ
बढ़ाए,
हमको
समेटे,
प्यार
जताए,
बिन
माँगे दे माफ़ी,
मज़बूती
से थामे,
हमें
साथ अपने
वापस
ले जाए !!!
-0-
2. मील का पत्थर
मील
के पत्थर से
रहा
न गया
रुआँसा था कल तक
आज
रो ही पड़ा...!
-एक तू ही अकेली
है
ठहरी यहाँ
बाक़ी
किसी को
है फ़ुर्सत कहाँ..!
भागे
फिरते हैं पागल- से
बस
भीड़ में
जाना
किसको, किधर,
ये
खबर है कहाँ..!
जो
मेरा ही जश्न
न
मनाएँगे वो
पछतावे
के सिवा
कुछ
न पाएँगे वो..!
मैं
तो थक गया
तू
ही समझा ज़रा-
"हर लम्हा है मंज़िल
अरे
नासमझ,
ये
न लौटेगा फिर
इसे
ज़ाया न कर।"
-0-
2-संध्या झा
लक्ष्य
पर नज़र टीका
लक्ष्य
भेद कर दिखा ।
लक्ष्य
के लिए जिया
लक्ष्य
पर तूने अपना
सर्वस्व वार हैं दिया
फिर है ऐसी बात क्या ?
जो डगमगा रहा हूँ
तू तन में स्पंदन हैं
और थरथरा रहा है तू
मनु की तू संतान हैं
भगीरथ वंश की तू आन हैं
तू चाहे तो पर्वत चीर दे
सुरसरि को धरा पर खींच ले
तो नाम ले एकदंत का
और विघ्न का तू नाश कर
लक्ष्य पर नज़र टिका
लक्ष्य भेद कर दिखा ।।
-0-
बेहद सुन्दर अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteसुंदर सृजन हेतु आदरणीया प्रीति जी और सन्ध्या जी को हार्दिक बधाई।
सादर!
आपका हार्दिक धन्यवाद रश्मि जी!
Deleteप्रीती जी ,
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर हृदय स्पर्शी रचनाएं | जीवन का सच्चा दर्पण है| बधाई -श्याम हिंदी चेतना
आदरणीय भाई साहब, आपका आशिर्वाद पाकर मैं धन्य हुई। बहुत बहुत आभार!!
Deleteआदरणीय काम्बोज भाई साहब...ईश्वर से प्रार्थना है कि यह सुंदर मंच सदा बना रहे..मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार!
ReplyDeleteप्रीति जी बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति ।संध्या झा जी का सुन्दर सृजन।आप दोनों को हार्दिक बधाई ।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद सुरँगमा जी!:)
Deleteसुंदर अभिव्यक्ति ,मर्मस्पर्शी रचनाएँ ।बधाई प्रीति जी
ReplyDeleteसंध्या झा जी ख़ूबसूरत सृजन के लिए हार्दिक बधाई ।
हार्दिक आभार दी!!
Deleteप्रीति जी एवं संध्या जी, आप दोनों ने बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना का सृजन किया है. आप दोनों को बधाई.
ReplyDeleteजेन्नी जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
Deleteवाह ! प्रीति जी, अत्यंत सुंदर भाव पूर्ण रचना | बधाई |
ReplyDeleteतहे दिल से शुक्रिया सविता जी!!
Deleteउम्दा सृजन के लिए प्रीति जी और संध्या जी को हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद कृष्णा जी!
Deleteप्रीति जी एवं संध्या जी को सुंदर भावपूर्ण सृजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteप्रीती जी को अपनी मर्मस्पर्शी रचना के लिए और संध्या जी को अपनी ओजपूर्ण रचना के लिए बहुत बधाई...|
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