1-आँसू मनमीत हैं
डॉ.सुरंगमा यादव
दर्द की पनाह में
जिंदगी गुज़र गई
जिस तरफ़ बढ़े कदम
रोशनी सिहर गई
स्वप्न टूटने लगे
नैन भीगने लगे
प्रीत को पुकारते
चाँद रात ढल गई
कल कभी आएगा
फ़ासला मिटाएगा
हश्र ये हुआ मगर
राह ही बदल गई
तेरी ये बेरुख़ी
मुझे रास आ गई
जीत की नई कड़ी
हार आज बन गई
आँसू मन-मीत हैं
बनते ये गीत हैं
हम न होंगे तो क्या
भोर नई खिल गई।
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जीत की नई कड़ी
हार आज बन गई
आँसू मन-मीत हैं
बनते ये गीत हैं
हम न होंगे तो क्या
भोर नई खिल गई।
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2-मुझे
जिसने छाँव दी उम्र भर
रश्मि विभा त्रिपाठी 'रिशू'
[पिता
को समर्पित एक कविता, जो मैंने उस वक्त लिखी थी जब वे हॉस्पिटल के आई सी यू में अपनी ज़िंदगी की आखिरी साँसें गिन रहे थे]
मुझे जिसने छाँव दी उम्र भर
यक़ीनन
मगर वक़्त की आँधी की मार से
तब बचके कहाँ जाऊँगी
मैं ग़मों की धूप में
फिर छाँव की आस लिये
कहाँ जाऊँगी
जड़ें माना कमज़ोर हो चली हैं
हारी थकी टहनियाँ झुकने लगी हैं
ये देख दुख का भार बढ़ रहा है
साँस मेरी रुकने लगी है
सोच रही हूँ कि
ये पेड़
जो हवा के एक झोंके से
कहीं गिर जाएगा
ताउम्र जिसके साये में रही
रूह ये सह न सकेगी तूफ़ान
मन थपेड़ों की मार से मर जाएगा
ज़िंदगी पूछ रही है
तुझसे या रब!
जब दुख का सूरज होगा सर पर
तब बिना उस शजर के
कैसे कटेगा सफ़र!
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अति सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteHey Amazing article, totally appreciate your work!
ReplyDeleteडॉ. सुरंगमा जी बहुत सुंदर रचना।हार्दिक बधाई आपको।
ReplyDeleteरश्मि विहान जी भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए बहुत बधाई ।
भावपूर्ण रचनाएँ
ReplyDeleteसुरंगमा जी एवं रश्मि जी को हार्दिक शुभकामनाएँ
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 23 जुलाई 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
अच्छे भाव लिए हुए सुंदर पंक्तियां , दोनों रचनाकारों को बधाई ।
ReplyDeleteआदरणीय काम्बोज भैया तथा आप सभी के प्रति हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ।
ReplyDeleteसुरंगमा जी और रश्मि जी, आप दोनो की कवितायें सुन्दर अभिव्यक्ति हैं हार्दिक बधाई |
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति सुरँगमा जी!
ReplyDeleteरश्मि जी की कविता भी बहुत भावपूर्ण, आप दोनों को बहुत बहुत बधाई!!
सुन्दर सृजन
ReplyDeleteबहुत सुंदर, भावपूर्ण रचनाएं, रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर सृजन।
ReplyDeleteBahut badhiya abhivyakti
ReplyDeleteसुरंगमा जी की रचना बहुत भावपूर्ण है.
ReplyDeleteरश्मि विभा जी की रचना बेहद मार्मिक है.
आप दोनों को शुभकामनाएँ.
मेरे सभी सम्माननीय बन्धुजनों का हार्दिक आभार कविता पर टिप्पणी करने हेतु तथा पुन: सृजन की नवीन ऊर्जा प्रदान करने हेतु!
ReplyDeleteदोनों कविताएँ मन को छू गईं! बहुत बधाई...सुरंगमा जी एवं रश्मि विभा जी!
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित
बहुत भाव पूर्ण रचना है ।बहुत सुंदर ।
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ReplyDeleteबहुत सुंदर तथा भावपूर्ण सृजन.. आप दोनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई !!
fantastic article thanks for sharing
ReplyDeletenice post thanks for sharing
ReplyDeletenice post good information sir
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