अनिता मंडा
1-
बहुत दिनों बाद फ़ोन
लगाया था
फिर भी
"हाँ-हूँ"
में कट गया
एक गिलास पानी से
निगले
गले में भर आए
रोके गए आँसुओं के
गोले
बात क्या होती
वो तो घुल चुकी थी
आँसू, पानी,
हवा के रसायन में।
पंक्चर पहिये के दो
रस्सियाँ बाँध
बच्चा झूल रहा है
गुदगुदा रही है नीम
की डाली
पीली पत्तियों का
अंबार
खिलखिला रहा है
पाँवों के तले
एक गतिरहित पहिये से
खुशियाँ गतिमान हैं
इन दिनों।
घर है इन दिनों
एक गोरैया के जोड़े का
तिनकों का खज़ाना जमा
हो रहा है उस पर
कुछ दिनों से चोंच
भर-भरकर ला रहा है जोड़ा
चार नई चोंचों का
कलरव
नया संगीत दे रहा है
यह सच है
रुके हुए पहियों से
गतिमान है जीवन
विगत कुछ दिनों से
-0-
औरत का दुःख इतना घना
था
तपते सूरज से तालाब
सूख गए
दुःख ओस- सा बना रहा
उसने अपना दुःख गीतों
में ढाला
हवाओं को सुनाया
लताओं को सुनाया
अकेली बैठी चिड़िया को
सुनाया
बीच चौराहे गाँव को
सुनाया
नदी, समुद्र,
जंगल को सुनाए गीत
सारा आसमान गीतों से
भर गया
औरत पर दुःख ही बरसा
उसके आँसू सूखे नहीं।
अनीता जी आपकी रचना सार गर्भित और वेदना से उफान लेती हुयी है | पढकर हृदय की धडकनें हिल जाती हैं | फिर भी आह से उपजा है यह गान | आपके विचार बहुत महान |श्याम हिन्दी चेतना
ReplyDeleteअनिता जी बधाई । इन रचनाओं में नयेपन की खुशबू है । नया संदर्भ , नयी दृष्टि , नया कलेवर ।
ReplyDeleteसुंदर ।
अनिता जी आपकी कविताओं में वेदना भी है और रुके जीवन में गति की आशाओं भी हैं |हार्दिक बधाई स्वीकारें |
ReplyDeleteसुख-दुःख, आशा-निराशा के बीच झूलती हुई कविताएँ! बहुत ख़ूबसूरत! जीवन मे गति बनी रहे..इन्हीं शुभकामनाओं के साथ!
ReplyDelete~सस्नेह
अनिता ललित
बहुत सुन्दर रचना आदरणीया!
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनाएं आपको
सादर
भावों से ओतप्रोत सुंदर रचनाएं अनिता।
ReplyDeleteरुके हुए पहियों से गतिमान👌👌👌
भावना सक्सैना
आपके स्नेह और शुभकामनाओं के लिए बहुत आभारी हूँ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावपूर्ण,गतिमान बने रहने की प्रेरणा देती रचनाएँ । बधाई अनिता
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण रचनाएँ ।बधाई अनिता जी।
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ReplyDeleteअति भावपूर्ण सृजन के लिए हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteदुःख,वेदना,एवम उसके समानान्तर जिजीविषा को अत्यंत प्रतीकात्मक रूप से अभिव्यक्त करती सशक्त कविताओं के लिये अनिता मंडा जी को बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteबहुत ही भावपूर्ण , अति सम्वेदनशील कविताएँ।
ReplyDeleteइतनी उम्दा सृजन के लिए हृदय से साधुवाद ।
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteअनीता जी बिल्कुल नये बिंबों, प्रतीकों को अपने आप में समेटे हृदयस्पर्शी रचनाएँ!
ReplyDeleteबधाइयाँ स्वीकारें!
सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteपीड़ा,वेदना, दुःख को समाहित किए बेहद भावपूर्ण कविताओं के लिए आपको दिल से बधाई प्रिय अनिता !!
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