भावना सक्सैना
सपने बीजते हैं...
सड़क किनारे
उग आई बस्तियों में भी
होते हैं वही सुख-दु:ख
सपने, आस-उम्मीदें।
चित्र; प्रीति अग्रवाल, |
आसमाँ को काटती
ईंटों पर धरी टीन
कतर नहीं पाती
पंख सपनों के।
टीन- तले पसरी भूमि
होती नहीं है परती।
उसमें गिरे स्वेद-कण
बीजते, पनप जाते हैं
बाँस के कोनों पर बँधे
तिरपाल की टप-टप से
नम भूमि में जन्म लेती है
असीम संभावनाएँ
झिंगोले में पड़े बूढ़े पंजर
होते हैं सपनों की कब्रगाह
आँखें मगर उलीच पाती नहीं
भविष्य की संभावनाएँ
अनकही दास्ताँ दर्द की
देती है दंश बार-बार
उफनते हैं सीने में
अधूरे ख्वाबों के खारे समंदर
मेहनतकश बाजुएँ
झोंक देती हैं जान,
हार जाती हैं अक्सर
करते बुर्जुआ बुर्जों का निर्माण।
फिर भी सपने बीजते,
पनपते रहते हैं
जीते रहने के लिए
हौसला मन को दिए रहते हैं।
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उफनते हैं सीने में, अधूरे ख़्वाबों के खारे समुंदर....वाह! बहुत खूब भावना जी,सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुंदर,मनुष्य की जिजीविषा और सपने हर परिस्थिति में बेहतरी की सम्भावनाएं तलाश लेते हैं।झुग्गी-झोपड़ी के जीवन का प्रभावी चित्र। बधाई भावना जी।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (18-09-2019) को "मोदी स्वयं सुबूत" (चर्चा अंक- 3462) पर भी होगी। --
ReplyDeleteसूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुंदर कविता।
ReplyDeleteबहुत ही मर्म स्पर्शी रचना ।
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएँ भावना जी
बहुत सुन्दर रचना भावना जी |बांस के कानों से बंधे तिरपाल की टप टप से ....अति सुन्दर भाव |बधाई स्वीकारें |
ReplyDeleteसपने हर हालात में पलते ही हैं। सपनों को पूरा करने की आस में व्यक्ति विषम परिस्थितियों में भी संघर्ष करता रहता है। सपने ही मनुष्य को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते है।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर रचना है। इस कविता को पढ़कर 'अरुण कमल' की कविता 'नए इलाके में' की याद ताज़ा हो गई।
मेरी कविता को सहज साहित्य पर स्थान देने के लिए आदरणीय काम्बोज भैया का हृदय से आभार।
ReplyDeleteउत्साहवर्धके टिप्पणियों के लिए आप सभी का सहृदय अनन्त आभार।
सादर
भावना
बहुत ही भावपूर्ण कविता, हार्दिक बधाई भावना जी।
ReplyDeleteसत्य को उकेरती मर्मस्पर्शी रचना! सुंदर सृजन हेतु बहुत बधाई आपको भावना जी!
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित
सारगर्भित संयोजन।
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया व भावपूर्ण कविता, हार्दिक बधाई भावना जी आपको !!
ReplyDeleteबहुत सुंदर और भावपूर्ण कविता भावना जी
ReplyDeleteबहुत प्यारी कविता है, मेरी बधाई
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