1-माटी का घट
-कमला निखुर्पा
1
माटी का
संसार है ,खेल सके तो खेल।
बाजी रब के
हाथ है,कर ले सबसे मेल ।
2
यह घट काचा
ही रहा,तपा न दुख की आँच।
परहित
में जो घट तपे,नित पाए सुख साँच।
-0-
2-बूँद और बादल
-डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
1
हुआ बिछोड़ा बूँद से ,बादल बड़ा उदास ,
बिन तेरे मैं क्या सखी , अब
क्या मेरे पास ।
2
जग नश्वर ,मिटना बदा ,कभी न मिटता प्यार ।
बरसूँ बनकर मैं ख़ुशी तुम लो दुआ अपार
!
यह घट काचा ही रहा,तपा न दुख की आँच।
ReplyDeleteपरहित में जो घट तपे,नित पाए सुख साँच।
कमला जी हर्षा गया दोहा ।
खूब बधाई लें ।
हुआ बिछोड़ा बूँद से ,बादल बड़ा उदास ,
बिन तेरे मैं क्या सखी , अब क्या मेरे पास ।
बहुत खूबसूरत बात कह गया दोहा ।
बधाई ज्योत्सना जी
नेहिल विभा रश्मि
कमला जी बहुत सुंदर दोहे हार्दिक बधाई ।
ReplyDeleteज्योत्स्ना जी बहुत सुंदर मनभावन दोहे ..बहुत - बहुत बधाई ।
ReplyDeleteकमला जी और ज्योत्सना जी बहुत भावपूर्ण दोहे।
ReplyDeleteघट काचा ... बहुत ही सुंदर।
सादर,
भावना
बहुत बहुत बेहतरीन लिखा आपने कमल जी
ReplyDeleteहार्दिक बधाई
बहुत ही उम्दा बहुत ही बेहतरीन लेखन ज्योत्स्ना जी
ReplyDeleteहार्दिक बधाई
बहुत ही उम्दा बहुत ही बेहतरीन लेखन ज्योत्स्ना जी
ReplyDeleteहार्दिक बधाई
बहुत बहुत बेहतरीन लिखा आपने कमल जी
ReplyDeleteहार्दिक बधाई
सुंदर दोहे कमला जी ..हार्दिक बधाई 💐
ReplyDeleteयहाँ स्थान देने के लिए काम्बोज भैया जी का बहुत आभार 🙏
kamla ji aur jyotsna ji bahut bahut badhai sunder dohe hain
ReplyDeleterachana
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (18-06-2017) को गला-काट प्रतियोगिता, प्रतियोगी बस एक | चर्चा अंक-2646 पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर दोहे
ReplyDeleteकमला जी और ज्योत्स्ना जी आप दोनों को सुन्दर भावपूर्ण दोहों की रचना पर हार्दिक बधाई |
ReplyDeleteKamal ke dohe lihe hain aap dono ne bahut bahut badhai...
ReplyDeleteबेहतरीन दोहे। कमला जी, ज्योत्स्ना जी...हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन दोहे...मेरी हार्दिक बधाई...|
ReplyDeleteकमला जी और ज्योत्स्ना जी, आप दोनों के दोहे बेहतरीन हैं, बहुत बधाई आप दोनों को.
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