1-शंकर
छंद
1-ज्योत्स्ना प्रदीप
1
पीड़ा तो इस जीवन में हम सब ही पाते हैं।
कितनें अधर हैं जो पीड़ा में भी मुस्काते
हैं ।।
मन को घन-सा बनाना है।
दुख
मे वो गा रहा जबकि उसको मिट जाना है।।
-0-
2-अनिता मण्डा
जिनको गाकर मनवा झूमे गीत कहाँ हैं वे।
दुनिया के मेले में खोये मीत कहाँ हैं वे।
घुला मन में रंग पीर का।
आँखों से बहता रेला सा आ गया नीर का।
-0-
2-प्रमाणिका
छन्द
1-अनिता मण्डा
1
उजास भोर का मिला
सुहास- सा खिला- खिला।
सुवास वात में घुली।
उदासियाँ सभी धुली।
2
उतार थे ,चढ़ाव थे
मिले कई अभाव थे।
प्रयास साध पाँव में।
रुके न धूप छाँव में।
-0-
2-अनिता ललित
1
खिली कली न प्यार की
न आस ही बहार की
शिकायतें नहीं मुझे
जले नहीं , दिये बुझे।
2
घड़ी -कड़ी न हारिए
बहार को पुकारिए
न अश्क -संग टूटना
न ख़्वाब साथ जूझना ।।
-0-
3-ज्योत्स्ना प्रदीप
1
सिया बड़ी उदास है ।
न आस है न श्वास है।।
अशोक के तले रही ।
व्यथा
कहाँ कभी कही ।।
-0-
4- सुनीता काम्बोज
1
उठी -गिरी रुकी नहीं
हवा चली, झुकी नहीं ।
मिली तभी बहार है
मिला मुझे करार है ।
2
अधीर गोपियाँ बड़ी
निहारती घड़ी –घड़ी
सुगन्ध प्रेम की लिये
जला रही नए दिये
-0-
उजास भोर का मिला
ReplyDeleteसुहास- सा खिला- खिला।
सुवास वात में घुली।
उदासियाँ सभी धुली ..... यूँ तो सभी छन्द सुन्दर है लेकिन यह तो बस अद्भुत ही लगा, सहज,सरल, मनभावन, अर्थपूर्ण और लयबद्ध
ज्योत्स्ना जी अनिता जी शंकर छंद बहुत सुंदर सार्थक भावपूर्ण
ReplyDeleteअनिता ललित जी अनीता मण्डा जी ,ज्योत्स्ना जी भावपूर्ण लयबद्ध प्रमाणिका छंद के लिए हार्दिक बधाई
हार्दिक आभार आदरणीय भैया जी
अनिता मंडा जी के व ज्योत्स्ना प्रदीप जी के शंकर छंद व प्रमाणिक छंद सुनीता काम्बोज जी के छंद बहुत सुंदर, सरस,लयबद्ध व भावपूर्ण बन पड़े हैं । आपसब को हार्दिक बधाई ।
ReplyDeleteअनिता मंडा जी के व ज्योत्स्ना प्रदीप जी के शंकर छंद व प्रमाणिक छंद सुनीता काम्बोज जी के छंद बहुत सुंदर, सरस,लयबद्ध व भावपूर्ण बन पड़े हैं । आपसब को हार्दिक बधाई ।
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा ..... बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .... Thanks for sharing this!! :) :)
ReplyDeleteज्योत्स्ना प्रदीप जी, अनिता मंडा जी के शंकर छन्द एवं प्रमाणिका छंद तथा सुनीता काम्बोज जी के प्रमाणिका छंद ...सभी अत्यंत सुंदर रचे गए हैं ! आप सभी को हार्दिक बधाई !!!
ReplyDeleteमेरे लिखे प्रमाणिका छंद को यहाँ स्थान मिला ...इसके लिए सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार !!!
~सादर
अनिता ललित
ज्योत्सना जी,अनिता मण्डा जी बेहतरीन भावों की सशक्त अभिव्यक्ति शंकर छंद में खूबसूरत बन पड़ी है...बधाई
ReplyDeleteअनिता मण्डा जी ,अनिता ललित जी,ज्योत्सना जी,सुनीता जी
ReplyDeleteआप सबने बेहद सुंदर भावों से प्रमाणिका छंद लिखकर सशक्त रचनाकार होने का बाखूबी परिचय दिया....भावी शुभकामनाएं...
अनिता मण्डा जी ,अनिता ललित जी,ज्योत्सना जी,सुनीता जी
ReplyDeleteआप सबने बेहद सुंदर भावों से प्रमाणिका छंद लिखकर सशक्त रचनाकार होने का बाखूबी परिचय दिया....भावी शुभकामनाएं...
वाह! बेहद सुन्दर छंद कमाल की अभिव्यक्ति। आप सब रचनाकारों को बहुत-बहुत बधाई।
ReplyDeleteरचनाओं की भाषा , भाव और माधुर्य ने मन मोह लिया !
ReplyDeleteप्रिय सखियों अनिता द्वय ,ज्योत्स्ना जी एवं सुनीता जी को हृदय से बधाइयाँ ..बहुत-बहुत शुभ कामनाएँ !!
शंकर एवं प्रमाणिका छंदों में बेहद सुंदर अभिव्यक्ति । सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteप्रिय अनिता मण्डा ,अनिता ललित जी,सुनीता जी
ReplyDelete. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ...बहुत बहुत बधाई !!!
हृदय से आभारी हूँ भैया जी की जो हमें इतना कुछ सिखाते हैं !!!
आप सभी का दिल से आभार उत्साहवर्धन के लिए !!
प्यारी प्यारी रचनाओं के लिए बहुत बधाई...|
ReplyDelete