ज्योत्स्ना प्रदीप
1-
सर्द मौसम
सर्द मौसम पर भी
धूप को तरस आ गया
वो करती इंतज़ार
अपने सैनिक का
सालों से लो !
फिर नया बरस आ गया !
-0-
2-असर दुआओं का
कभी तो दुआओं का
कुछ इस तरह
असर होगा
इस दिल में जलती
पूजा की धूप से
सुवासित तेरा हर मंज़र होगा !
-0-
बिल्कुल ! दिल से निकली हर दुआ का असर होगा!
ReplyDeleteसुंदर कविताएँ ज्योत्स्ना जी !
बहुत बधाई!!!
~सादर
अनिता ललित
bahut sundar kavitaayen!
ReplyDeleteJyotsna ji shubhkaamnayen!!
ज्योत्सना प्रदीप की छोटी कविताएँ बेहद प्रभावी हैं। कम शब्दों में बेहतर अभिव्यक्ति ...बधाई ज्योत्स्ना प्रदीप जी।
ReplyDeleteज्योत्सना प्रदीप की छोटी कविताएँ बेहद प्रभावी हैं। कम शब्दों में बेहतर अभिव्यक्ति ...बधाई ज्योत्स्ना प्रदीप जी।
ReplyDeleteसुन्दर ,सुवासित ,भावप्रवण कविताएँ ..हार्दिक बधाई !!
ReplyDeleteहार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी , सुन्दर रचनाएँ |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ज्योत्स्ना प्रदीप जी
ReplyDeleteशुभकामनाएँ
बहुत सुन्दर रचनाएँ ज्योत्स्ना प्रदीप जी...हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteसुन्दर और प्रभावी।
ReplyDeleteAchhi rachnayen meri badhai
ReplyDeleteदुआओं का असर तो ज़रूर होता है...| बहुत सुन्दर कविताएँ...हार्दिक बधाई...|
ReplyDeleteसुंदर,मोहक,भावपूर्ण कविताएँ। बधाई
ReplyDeleteबहुत सुंदर ,भावपूर्ण कविताएँ ज्योत्स्ना जी बधाई |
ReplyDeleteपुष्पा मेहरा
अच्छी कविताएँ, बधाई।
ReplyDeleteज्योत्सना जी नन्हीं मुन्नी भाव पूर्ण कवितायें जैसे गागर में सागर । बधाई ।
ReplyDeleteहमेशा की तरह मेरा उत्साहवर्द्धन किया है...|
ReplyDeleteतहे दिल से शुक्रिया...|