पथ के साथी

Tuesday, November 24, 2015

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1-मंजूषा मन

1-जीवन-सूत्र

डबल बेड की चादर में
गमों की गठरी बाँ
रख दिया आज
तहखाने में
और लगा दिया
अलीगढ़ी ताला।
अब शायद
जीना आसान हो जाए !
-0-
2-रंग रोग़न - मंजूषा 'मन'

दिवाली की सफाई में
इस बार खोला
वर्षों से बन्द मन कमरा
सोचा इस बार इसे ही साफ करूँ
और जुट ग

झाड़ बुहार कर सा कर दी
ग़मों की धूल।
कोनों में झूलते
दर्द के जाले छुड़ा दिए।
सहेज कर बक्से में रखा
चुभती यादों का कबाड़,
बाहर फेंक दिया।
मन के एलबम में जड़ी
दर्द देती तस्वीरें
सब निकल फेकीं।

कड़वे बोलों की सब कीलें
उखाड़ दीं।
दीवारों पर उधड़ी पपड़ी -से
सब ज़ख्मों पर
भरी दी है पुट्टी।

पुरानी यादों के
अतीत के दर्दीले रंग पर
पोत दिया आज का नया रंग।
किया है आज
मन के  कमरे का
रंग -रोगन।
-0-

15 comments:

  1. क्या बात है मंजूषा जी लाजवाब लिखा है। हार्दिक बधाई।

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  2. बहुत सुन्दर मंजूषा जी

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  3. Bahut sundar kavitaayen! "Rang-Roghan" toh bas laajawaab hai!!

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  4. भुत ही सुन्दर कवितायेँ हैं. सचमुच जीने का ढंग सिखाती हैं और इतने काव्यात्मक ढंग से . बधाई और शुभ कामनाएं.

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  5. मन के कमरे का रंग -रोगन ... वाह अद्भुत रचना ! एक एक शब्द सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुअा है

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  6. बहुत ही सुंदर कवितायेँ हैं , वास्तव में नकारात्मकता से स्वयं को मुक्त रख कर जीवन जीना ही सही मायनों में जीना है ,मंजूषा जी बधाई |
    पुष्पा मेहरा

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  7. मंजूषा जी रंग रोगन कविता बहुत अच्छी लगी हार्दिक बधाई

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  8. मंजूषा जी ! अन्तर्मन के ताले खोल यादों की उड़ाने बिना पंखो के उड़ती....वाह बहुत खूब!!!

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  9. मंजूषा जी ! अन्तर्मन के ताले खोल यादों की उड़ाने बिना पंखो के उड़ती....वाह बहुत खूब!!!

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  10. बहुत ही सुंदर कवितायेँ हैं मंजूषा जी... रंग रोगन कविता बहुत अच्छी लगी हार्दिक बधाई और शुभ कामनाएं

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  11. आप मन के कमरे का नया रंग-रोगन मुबारक मंजूषा जी ! आशाओं और खुशियों का रंग कभी फ़ीका न पड़े ! बहुत सुंदर रचनाएँ। बधाई

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  12. आप मन के कमरे का नया रंग-रोगन मुबारक मंजूषा जी ! आशाओं और खुशियों का रंग कभी फ़ीका न पड़े ! बहुत सुंदर रचनाएँ। बधाई

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  13. बहुत सही लिखा है...| ग़मों को किसी गठरी में मजबूत गाँठ लगा कर किसी तहखाने में बंद कर दिया जाए और ज़िंदगी को फिर से एक नए रंग में रंग दिया जाए...| मन का कमरा यूँ ही सुन्दर लगता है...|
    इतनी खूबसूरत रचनाओं के लिए हार्दिक बधाई...|

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  14. आप सभी का हार्दिक आभार। तहे दिल से शुक्रिया इस कोशिश पर वक़्त देने और पसन्द करने के लिए।

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  15. बेहद ख़ूबसूरत प्रस्तुति ...बधाई !

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