1-मंजूषा ‘मन’
1-जीवन-सूत्र
डबल बेड की चादर
में
गमों की गठरी बाँध
रख दिया आज
तहखाने में
और लगा दिया
अलीगढ़ी ताला।
अब शायद
जीना आसान हो जाए !
-0-
2-रंग रोग़न - मंजूषा 'मन'
दिवाली की सफाई में
इस बार खोला
वर्षों से बन्द मन
कमरा
सोचा इस बार इसे ही
साफ करूँ
और जुट गई।
झाड़ बुहार कर साफ़ कर दी
ग़मों की धूल।
कोनों में झूलते
दर्द के जाले छुड़ा
दिए।
सहेज कर बक्से में
रखा
चुभती यादों का
कबाड़,
बाहर फेंक दिया।
मन के एलबम में जड़ी
दर्द देती तस्वीरें
सब निकल फेकीं।
कड़वे बोलों की सब
कीलें
उखाड़ दीं।
दीवारों पर उधड़ी
पपड़ी -से
सब ज़ख्मों पर
भरी दी है पुट्टी।
पुरानी यादों के
अतीत के दर्दीले रंग पर
पोत दिया आज का नया रंग।
किया है आज
मन के कमरे का
रंग -रोगन।
-0-
क्या बात है मंजूषा जी लाजवाब लिखा है। हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर मंजूषा जी
ReplyDeleteBahut sundar kavitaayen! "Rang-Roghan" toh bas laajawaab hai!!
ReplyDeleteभुत ही सुन्दर कवितायेँ हैं. सचमुच जीने का ढंग सिखाती हैं और इतने काव्यात्मक ढंग से . बधाई और शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteमन के कमरे का रंग -रोगन ... वाह अद्भुत रचना ! एक एक शब्द सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुअा है
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर कवितायेँ हैं , वास्तव में नकारात्मकता से स्वयं को मुक्त रख कर जीवन जीना ही सही मायनों में जीना है ,मंजूषा जी बधाई |
ReplyDeleteपुष्पा मेहरा
मंजूषा जी रंग रोगन कविता बहुत अच्छी लगी हार्दिक बधाई
ReplyDeleteमंजूषा जी ! अन्तर्मन के ताले खोल यादों की उड़ाने बिना पंखो के उड़ती....वाह बहुत खूब!!!
ReplyDeleteमंजूषा जी ! अन्तर्मन के ताले खोल यादों की उड़ाने बिना पंखो के उड़ती....वाह बहुत खूब!!!
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर कवितायेँ हैं मंजूषा जी... रंग रोगन कविता बहुत अच्छी लगी हार्दिक बधाई और शुभ कामनाएं
ReplyDeleteआप मन के कमरे का नया रंग-रोगन मुबारक मंजूषा जी ! आशाओं और खुशियों का रंग कभी फ़ीका न पड़े ! बहुत सुंदर रचनाएँ। बधाई
ReplyDeleteआप मन के कमरे का नया रंग-रोगन मुबारक मंजूषा जी ! आशाओं और खुशियों का रंग कभी फ़ीका न पड़े ! बहुत सुंदर रचनाएँ। बधाई
ReplyDeleteबहुत सही लिखा है...| ग़मों को किसी गठरी में मजबूत गाँठ लगा कर किसी तहखाने में बंद कर दिया जाए और ज़िंदगी को फिर से एक नए रंग में रंग दिया जाए...| मन का कमरा यूँ ही सुन्दर लगता है...|
ReplyDeleteइतनी खूबसूरत रचनाओं के लिए हार्दिक बधाई...|
आप सभी का हार्दिक आभार। तहे दिल से शुक्रिया इस कोशिश पर वक़्त देने और पसन्द करने के लिए।
ReplyDeleteबेहद ख़ूबसूरत प्रस्तुति ...बधाई !
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