सुधा जी जब भी लिखती हैं कमाल लिखती हैं । शब्दों का सुंदर प्रयोग .......दिल में सीधे उतर जाती हैं उनकी रचनाएँ ! शुरू से अंत तक पाठक को बाँधकर रखना इनकी कलम का जादू है ! सुधा जी की कलम को शत-शत नमन ! हरदीप
निर्मल कोमल भावों को बहुत ही सरल शब्दों का कलेवर देती मन को मोह लेने वाली रचनाएँ ..."हम भोली माटी के मासूम से खिलौने "....सादर अभिनन्दन नमन के साथ ...ज्योत्स्ना
सुधा जी आपको पढना भावों के सागर में डूबना है .आपके ही लिखे शब्दों की पतवार थाम जब उतरती हूँ इस सागर में मन के साथ आत्मा भी तृप्त हो जाती है .मन कहता है इन शब्दों से कभी मेरी कलम में भी उतरा करो सादर रचना
मेला उठा .... हर एक के जीवन को कहता हुआ .... दोनों रचनाएँ बहुत अच्छी लगीं ।
ReplyDeletebahut badiya chintansheel rachna..
ReplyDeleteसुधा जी जब भी लिखती हैं कमाल लिखती हैं ।
ReplyDeleteशब्दों का सुंदर प्रयोग .......दिल में सीधे उतर जाती हैं उनकी रचनाएँ !
शुरू से अंत तक पाठक को बाँधकर रखना इनकी कलम का जादू है !
सुधा जी की कलम को शत-शत नमन !
हरदीप
निर्मल कोमल भावों को बहुत ही सरल शब्दों का कलेवर देती मन को मोह लेने वाली रचनाएँ ..."हम भोली माटी के मासूम से खिलौने "....सादर अभिनन्दन नमन के साथ ...ज्योत्स्ना
ReplyDeleteसुधा जी आपको पढना भावों के सागर में डूबना है .आपके ही लिखे शब्दों की पतवार थाम जब उतरती हूँ इस सागर में मन के साथ आत्मा भी तृप्त हो जाती है .मन कहता है इन शब्दों से कभी मेरी कलम में भी उतरा करो
ReplyDeleteसादर
रचना
Sudha ji ko bahut saari hardik badhai......
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