कमला निखुर्पा
मन में उमडी है
यादों की घटा
फिर तेरे नेह की आयी है याद माँ,
तेरे गोदी में मिला
बचपन को जो सुकून,
नहीं नसीब वो
वातानुकूलित कमरों में माँ |
जाने किस माटी से
गढा था विधाता ने ,
चैन से जीते तुझे देखा नहीं कभी माँ |
कब से गीले
बिछौने पे सोई रही माँ|
दुपहरी की धूप
में तन को जला के ,
चाँद की शीतलता
आँचल में भर लाई माँ |
समेट समंदर को अपनी
उनींदी आँखों में,
नित नेह की गंगा
में नहलाए मुझे माँ |
रिश्तों के वन
में भटका जीवन हिरन,
कस्तूरी बन फिर
से महका दो मुझे माँ |
कुट्टी कर आयी
हूँ खुशियों से अपनी ,
आँचल में अपने छुपा लो मुझे माँ |
दिला दे मुझे मेरी गुडिया और गुड्डा
फिर से नन्हीं
बच्ची बना दो मुझे माँ |
बहुत प्यारी मर्मस्पर्शी , सहजता से भरी मासूमियत की खुशबू भरे हुए । बचपन की यही खुशबू तो दुर्लभ है । कमला निखुर्पा ने भावों का सारा मधुघट उडेल दिया इस कविता में
ReplyDeleteफिर से आये प्यारा बचपन..
ReplyDeleteउत्कृष्ट |
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई |
बहुत प्यारी...मन को छू लेने वाली रचना.....
ReplyDeleteअनु
बहुत प्यारी रचना...
ReplyDeleteलौट आया बचपन...बहुत सुन्दर....
ReplyDeleteकाश, फिर से लौट आता बचपन. रचना मन को छू गई.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति माँ को मूर्त करती स्मृतियाँ उड़ेलती मेरे उसके बचपन की .... ..... .कृपया यहाँ भी पधारें -
ReplyDeleteram ram bhai
सोमवार, 25 जून 2012
नींद से महरूम रह जाना उकसाता है जंक फ़ूड खाने को
http://veerubhai1947.blogspot.com/
वीरुभाई ,४३,३०९ ,सिल्वर वुड ड्राइव ,कैंटन ,मिशिगन ,४८ ,१८८ ,यू एस ए .
बचपन की यादों में खोया मन ...बहुत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteकमला जी की सुंदर रचना दिल को छू गई
ReplyDeleteखासकर ये पंक्तियाँ तो बस कमाल हैं
तेरे गोदी में मिला बचपन को जो सुकून,
नहीं नसीब वो वातानुकूलित कमरों में माँ |
बहुत बधाई
हरदीप
तेरे गोदी में मिला बचपन को जो सुकून,
ReplyDeleteनहीं नसीब वो वातानुकूलित कमरों में माँ |
बहुत सुन्दर
बेहद भावपूर्ण और सुंदर कविता। बरबस माँ की याद दिला ही गई! सच माँ त्याग की मूर्ति ही तो है -
ReplyDelete"दुपहरी की धूप में तन को जला के ,
चाँद की शीतलता आँचल में भर लाई माँ
रिश्तों के वन में भटका जीवन हिरन,
ReplyDeleteकस्तूरी बन फिर से महका दो मुझे माँ ......माँ होती है समर्थ सुरभित करने में ....अभी तो मन सुरभित हो गया आपकी रचना से ...बधाई आपको
bahot achha likha hai aapne
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