पथ के साथी

Sunday, September 14, 2025

1470-हिन्दी -दिवस

डॉ. कनक लता मिश्रा



तुम स्रोत हो, तुम भाव हो

तुम शक्ति हो, तुम प्रभाव हो

हस्ती हमारी तुमसे है

 मेरा पथ हो तुम, तुम्हीं पड़ाव हो

अज्ञान का तम छँट गया,

घनघोर बादल हट गया

अंतः तमस् ज्योतित हुआ,

तुम वह अलौकिक प्रकाश हो

अतिशय तुम्हारे रूप हैं,

अतिशय तुम्हारी शैलियाँ

कभी गद्य में कभी पद्य में,

हर रंग में अठखेलियाँ

डूबी तुम्हारे ज्ञान रस,

तब पार उतरीं कश्तियाँ

उत्कृष्ट तुम, तुम दिव्य हो,

तुम ईश्वरीय नैवेद्य हो


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19 comments:

  1. शुभकामनाएं हिंदी दिवस की |

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  2. डॉ. कनक लता14 September, 2025 16:03

    बहुत धन्यवाद सभी को और बहुत धन्यवाद काम्बोज भइया को.... 🙏😊

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  3. बहुत सुन्दर कविता। हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ

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  4. सुन्दर सृजन!!
    हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ।

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  5. तुम ईश्वरीय नैवेद्य हो।
    बढ़िया कविता, शुभकामनाएँ।

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  6. आपकी कविता एक सहज हिंदी भाषी की सर्वोत्तम अभिव्यक्ति है

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  7. हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। हार्दिक बधाई। सुदर्शन रत्नाकर।

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  8. बहुत ही सुन्दर।
    बहुत बहुत बधाई आपको।

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  9. .हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं l

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  10. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

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  11. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

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  12. बहुत सुंदर कविता, हर रंग में अटखेलियाँ !

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  13. कल कल नदी सी प्रवाहित होती इस कविता में हिंदी भाषा के प्रति आपका प्रेम और कृतज्ञता सहज ही छलक पड़ता है। यह सुंदर रचना के लिए और हिंदी दिवस के लिए बहुत-बहुत बधाई, शुभकामनाएँ आदरणीया 🌹🌹🙏🙏💐💐

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  14. कल कल नदी सी प्रवाहित होती इस कविता में हिंदी भाषा के प्रति आपका प्रेम और कृतज्ञता सहज ही छलक पड़ता है। यह सुंदर रचना के लिए और हिंदी दिवस के लिए बहुत-बहुत बधाई, शुभकामनाएँ आदरणीया 🌹🌹🙏🙏💐💐
    ©सुशीला शील स्वयंसिद्धा

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  15. गुंजन अग्रवाल17 September, 2025 17:01

    बहुत सुंदर सृजन

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  16. अपनी हिन्दी भाषा की तरह ही सुंदर और प्रवाहमयी कविता के लिए हार्दिक बधाई

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  17. सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई .

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  18. सुंदर कविता! हिंदी दिवस की बहुत बधाई!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  19. सुन्दर सृजन... हार्दिक बधाई

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