शशि पाधा
लगता है उनका, हाल बेहाल
है।
अनमन से बोले, अच्छा ख़याल
है।
रिश्तों के मन में, कुछ तो सवाल
है।
बिन होली किसने, छिटका गुलाल
है।
हर दिल में जलती, स्नेही मशाल
है ।
इस दिल ने छेड़ा, मधुर सुर-ताल है।
उस रब की मरजी, उसका कमाल
है।
-0-
शशि पाधा
लगता है उनका, हाल बेहाल
है।
अनमन से बोले, अच्छा ख़याल
है।
रिश्तों के मन में, कुछ तो सवाल
है।
बिन होली किसने, छिटका गुलाल
है।
हर दिल में जलती, स्नेही मशाल
है ।
इस दिल ने छेड़ा, मधुर सुर-ताल है।
उस रब की मरजी, उसका कमाल
है।
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बेहतरीन, हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर ,हृदय स्पर्शी भावों से परिपूर्ण पढके मन खुश हो गया |श्याम हिन्दी चेतना
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना बधाई आपको
ReplyDeleteसादर
सुरभि डागर
शशिजी बहुत सुंदर रचना है आपके द्वारा रचे शब्दों का कमाल है । पढ़कर मन में बाजे ढोल और ताल हैं। अति सुंदर भाव। सविता अग्रवाल “सवि”
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावपूर्ण कविता। बधाई। सुदर्शन रत्नाकर
ReplyDeleteभावपूर्ण सुंदर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteनव वर्ष एंव नवरात्रि पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं 🌷
बहुत सुंदर मनमोहक कविता!
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति...हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteआप सब स्नेही मित्रों का हार्दिक आभार ।
ReplyDeleteशशि पाधा
रुपहली रचना . रंग में सराबोर हो नव संवत्सर. शुभकामना.
ReplyDeleteएक प्यारी रचना के लिए आपको मेरी बहुत बधाई
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