पथ के साथी

Wednesday, March 23, 2022

1195-किताबें

 रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'


21 comments:

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  2. रहती सदा जवान किताबें - किताबों का मूल्य बताती बहुत सुंदर कविता! हार्दिक बधाई!
    - डॉ. कुँवर दिनेश, शिमला

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  3. वाह..इस धरती पर सबके ऊपर/बहुत बड़ा अहसान किताबें.. किताबों के महत्त्व को रेखांकित करती प्रेरक कविता।हार्दिक बधाई भाई साहब।

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  4. बहुत ही खूबसूरत कविता, हार्दिक शुभकामनाएँ सर ।

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  5. इनसे अच्छा दोस्त न कोई....बहुत सुंदर और एक एक शब्द सत्य, धन्याद आदरणीय!

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  6. किताबों की महत्ता का प्रतिपादन बहुत ही सुंदर शब्दों में।बधाई आदरणीय।

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  7. वाह!
    किताब का महत्व बताती बहुत ही सुंदर कविता।
    हार्दिक आभार आदरणीय गुरुवर को 💐🌷
    सादर

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  8. बहुत सुंदर रचना.

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  9. एक-एक अक्षर मोती।

    "गूँगे का मुँह बनकर बोलें
    बहरे के हैं कान किताबें"

    अति सुंदर रूपक। लाजवाब कविता भैया। हार्दिक बधाई

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  10. अत्यंत अनुपम एवं प्रेरणाप्रद रचना सर 🌹🌹🙏अशेष बधाई सर 🌹🙏

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  11. बहुत सुंदर, प्रेरक एवं किताबों का महत्व बताती रचना। हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं, भाई साहब जी।

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  12. किताबों की महत्ता का बखान करती बहुत सुन्दर , सहज - मधुर भाव की कविता प्रेरक कविता ।आ.हिमांशु भाई को बधाई ।

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  13. किताबों का महत्व बताती ख़ूबसूरत ,प्रेरक कविता। हार्दिक बधाई

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  14. बहुत ही सुंदर कविता... सच ही कहा है आपने कि किताबों से अच्छा कोई दोस्त नहीं....

    हार्दिक बधाई

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  15. किताबों का हमारे जीवन में कितना महत्त्व होता है, इस बात को हम शायद कभी समझ नहीं पाते हैं | बहुत सुन्दर और प्रेरक है यह कविता...बहुत बधाई |

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  16. सचमुच किताबोब से बड़ा कोई दोस्त नहीं है और कोई निधि भी नहीं | एक सारगर्भित रचना के लिए बहुत बधाई भैया| ऐसी रचनाएँ प्रेरणा देती हैं |

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  17. किताबों का महत्व बताती लाजवाब कविता...हार्दिक बधाई भाईसाहब।

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  18. किताबों पर बहुत सुन्दर रचना. किताबें न होतीं तो हम क्या करते? किताबों के बिना कुछ भी नहीं. किताबें है तो जीवन है. सार्थक रचना के लिए बधाई काम्बोज भाई.

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  19. बहुत सुंदर रचना। हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।

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  20. वाह!सचमुच! किताबें हमें क्या-क्या नहीं देतीं! बहुत सुंदर एवं सार्थक! आदरणीय भैया जी तथा उनकी लेखनी को नमन!

    ~सादर
    अनिता ललित

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