रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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रहती सदा जवान किताबें - किताबों का मूल्य बताती बहुत सुंदर कविता! हार्दिक बधाई!- डॉ. कुँवर दिनेश, शिमला
वाह..इस धरती पर सबके ऊपर/बहुत बड़ा अहसान किताबें.. किताबों के महत्त्व को रेखांकित करती प्रेरक कविता।हार्दिक बधाई भाई साहब।
भावपूर्ण रचना 💐
बहुत ही खूबसूरत कविता, हार्दिक शुभकामनाएँ सर ।
इनसे अच्छा दोस्त न कोई....बहुत सुंदर और एक एक शब्द सत्य, धन्याद आदरणीय!
किताबों की महत्ता का प्रतिपादन बहुत ही सुंदर शब्दों में।बधाई आदरणीय।
वाह! किताब का महत्व बताती बहुत ही सुंदर कविता।हार्दिक आभार आदरणीय गुरुवर को 💐🌷सादर
बहुत सुंदर रचना.
एक-एक अक्षर मोती। "गूँगे का मुँह बनकर बोलेंबहरे के हैं कान किताबें"अति सुंदर रूपक। लाजवाब कविता भैया। हार्दिक बधाई
अत्यंत अनुपम एवं प्रेरणाप्रद रचना सर 🌹🌹🙏अशेष बधाई सर 🌹🙏
बहुत सुंदर, प्रेरक एवं किताबों का महत्व बताती रचना। हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं, भाई साहब जी।
किताबों की महत्ता का बखान करती बहुत सुन्दर , सहज - मधुर भाव की कविता प्रेरक कविता ।आ.हिमांशु भाई को बधाई ।
किताबों का महत्व बताती ख़ूबसूरत ,प्रेरक कविता। हार्दिक बधाई
बहुत ही सुंदर कविता... सच ही कहा है आपने कि किताबों से अच्छा कोई दोस्त नहीं....हार्दिक बधाई
किताबों का हमारे जीवन में कितना महत्त्व होता है, इस बात को हम शायद कभी समझ नहीं पाते हैं | बहुत सुन्दर और प्रेरक है यह कविता...बहुत बधाई |
सचमुच किताबोब से बड़ा कोई दोस्त नहीं है और कोई निधि भी नहीं | एक सारगर्भित रचना के लिए बहुत बधाई भैया| ऐसी रचनाएँ प्रेरणा देती हैं |
किताबों का महत्व बताती लाजवाब कविता...हार्दिक बधाई भाईसाहब।
किताबों पर बहुत सुन्दर रचना. किताबें न होतीं तो हम क्या करते? किताबों के बिना कुछ भी नहीं. किताबें है तो जीवन है. सार्थक रचना के लिए बधाई काम्बोज भाई.
बहुत सुंदर रचना। हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।
वाह!सचमुच! किताबें हमें क्या-क्या नहीं देतीं! बहुत सुंदर एवं सार्थक! आदरणीय भैया जी तथा उनकी लेखनी को नमन!~सादर अनिता ललित
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ReplyDeleteरहती सदा जवान किताबें - किताबों का मूल्य बताती बहुत सुंदर कविता! हार्दिक बधाई!
ReplyDelete- डॉ. कुँवर दिनेश, शिमला
वाह..इस धरती पर सबके ऊपर/बहुत बड़ा अहसान किताबें.. किताबों के महत्त्व को रेखांकित करती प्रेरक कविता।हार्दिक बधाई भाई साहब।
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ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत कविता, हार्दिक शुभकामनाएँ सर ।
ReplyDeleteइनसे अच्छा दोस्त न कोई....बहुत सुंदर और एक एक शब्द सत्य, धन्याद आदरणीय!
ReplyDeleteकिताबों की महत्ता का प्रतिपादन बहुत ही सुंदर शब्दों में।बधाई आदरणीय।
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteकिताब का महत्व बताती बहुत ही सुंदर कविता।
हार्दिक आभार आदरणीय गुरुवर को 💐🌷
सादर
बहुत सुंदर रचना.
ReplyDeleteएक-एक अक्षर मोती।
ReplyDelete"गूँगे का मुँह बनकर बोलें
बहरे के हैं कान किताबें"
अति सुंदर रूपक। लाजवाब कविता भैया। हार्दिक बधाई
अत्यंत अनुपम एवं प्रेरणाप्रद रचना सर 🌹🌹🙏अशेष बधाई सर 🌹🙏
ReplyDeleteबहुत सुंदर, प्रेरक एवं किताबों का महत्व बताती रचना। हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं, भाई साहब जी।
ReplyDeleteकिताबों की महत्ता का बखान करती बहुत सुन्दर , सहज - मधुर भाव की कविता प्रेरक कविता ।आ.हिमांशु भाई को बधाई ।
ReplyDeleteकिताबों का महत्व बताती ख़ूबसूरत ,प्रेरक कविता। हार्दिक बधाई
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर कविता... सच ही कहा है आपने कि किताबों से अच्छा कोई दोस्त नहीं....
ReplyDeleteहार्दिक बधाई
किताबों का हमारे जीवन में कितना महत्त्व होता है, इस बात को हम शायद कभी समझ नहीं पाते हैं | बहुत सुन्दर और प्रेरक है यह कविता...बहुत बधाई |
ReplyDeleteसचमुच किताबोब से बड़ा कोई दोस्त नहीं है और कोई निधि भी नहीं | एक सारगर्भित रचना के लिए बहुत बधाई भैया| ऐसी रचनाएँ प्रेरणा देती हैं |
ReplyDeleteकिताबों का महत्व बताती लाजवाब कविता...हार्दिक बधाई भाईसाहब।
ReplyDeleteकिताबों पर बहुत सुन्दर रचना. किताबें न होतीं तो हम क्या करते? किताबों के बिना कुछ भी नहीं. किताबें है तो जीवन है. सार्थक रचना के लिए बधाई काम्बोज भाई.
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना। हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।
ReplyDeleteवाह!सचमुच! किताबें हमें क्या-क्या नहीं देतीं! बहुत सुंदर एवं सार्थक! आदरणीय भैया जी तथा उनकी लेखनी को नमन!
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित