पथ के साथी

Thursday, November 18, 2021

1155-अक्षर नहीं मरा करते हैं

 रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'


5 comments:

  1. सही कहा है गुरु जी“अक्षर नहीं मरा करते है”।साहित्य तो हमेशा से था,है और रहेगा चाहे किसी रूप में हो।“मन में बसा हुआ नालन्दा,लाख मिटाओ मिटा ना पाते"।अति सुन्दर रचना।💐

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  2. बहुत ही भावपूर्ण एवं सुंदर रचना
    एकदम सही कहा गुरुवर आपने - अक्षर नहीं मरा करते हैं
    नमन एवं बधाईयाँ

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  3. उत्कृष्ट रचना, हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  4. अक्षर नहीं मरा करते हैं । वाह अप्रतिम रचना के लिए हृदय की गहराइयों से बधाई ।

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  5. बहुत सुंदर, भावपूर्ण और सत्य-वचन रचना, हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं आदरणीय भाईसाहब जी। सादर नमन।
    - परमजीत कौर 'रीत'

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