पथ के साथी

Saturday, July 3, 2021

1113

 

1-एकता चौधरी

   1-सुबह

  


काली
- सी हर रात के बाद 

ज़रूर

ख़ूबसूरत सुबह होती है!

 

खुशियँ सस्ती हमेशा थी

और नज़दीक भी

वही आज 

करीब,

फिर हो रही हैं

 

इतवार है

कि बारिश भी सोती- सी

कहीं गुम- सी

चुपके से

आहट न किए ही

आ गई है,

 

अलार्म कब का 

बाँग देते

गूँगा हुआ,

और  आँयूँही हल्के- से

ही खुल गई है,

 

ओह 

आज इतना सुंदर है

सब

ये सुबह कितनी मुलायम

और गुलाबी- सी  

 

चाय पकौड़े

कहीं और नहीं

घर की बालकनी

में एक ओपन- सा

रेस्टोरेंट 

आज है

 

हाँ अब कोई 

पार्टी करने कहीं और जाता है

 

कुछ माहौल यों

कि 

सारा घर हमारा 

साथ ही

सेलिब्रेट 

हर खुशी करता है

 

कितनी

एडवांस हो गई थी

आज फिर 

पीछे जाती सी है

जिंदगी,

 

क्या बड़ी

क्या छोटी

बस,

खुशियां सस्ती हमेशा थी

और नज़दीक भी

वही आज 

करीब,

फिर हो रही है

 

चखा जा रहा है

हर पल का

अलग

नशा

 

और

 

अहसास हो रहा है

शनै शनै.

 

काली -सी रात 

के बाद

खूबसूरत सुबह 

जरूर होती है.

मुलायम और

गुलाबी सी.!

-0-

2-सरहद-एकता चौधरी

 आँख फड़क रही थी

दो तीन रोज़ से

आज खबर मिली

सरहद पर गोली चल गई

शाम ढले.....

 

क्या हुआ 

कुछ बुरा हो तो,

कौन था 

वो.....

 

आजकल तो,

सरहद 

सुनसान हैं,

सन्नाटे बस 

सुनती हैं,

 

उम्मीद

किसी के घर 

वापस आने की

आज बूढ़ी

हो चली है,

 

शायद

कभी भी

ये ज़मीं छोड़

ज़मीं में 

दफ्न हो जाने वाली है....

 

दीवार-

बैसाखी,

छत का छाता,

अल्हड़ पगडंडी,

वो चर्च वाली गली

अकेले होने वाले हैं

सदा के लिए,

 

ना देखने के लिए

बाट 

कभी 

किसी की.....

 

कोई युग 

बदलेगा

शायद

सन्नाटों को भरने

के लिए,

 

कई जमाने

सुधारने होंगे

सरहद की 

हद

फिर से

थाम लेने के लिए....

 

और

सोचके देखो

बंजर सरहद में

क्या कुछ बचा है...

जो रोएगा 

कुछ खोने से,

कुछ बुरा और

हो जाने से,

 

बस तीन दिन

आंख 

मेरी फड़की,

और 

सरहद की गोली 

आज

शाम

दिल से पार निकल गई.....!!!

-0-

परिचय

एकता चौधरी

शैक्षिक योग्यता: बी. ई. ( इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्यूनिकेशन ) 

  कार्यक्षेत्र: रक्षा मंत्रालय उद्यम- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, (गाजियाबाद इकाई) में उप प्रबंधक

  मूल निवास: सुजानगढ़, राजस्थान

  वर्तमान पता: पटेल गार्डन, द्वारका मोड़, नई दिल्ली ११००७८

 ई-मेल: choudhary.ekta@gmail.com

-0-

2-मैं शिलाखंड तू शक्ति मेरी

रजत नागपाल

 


मैं शव
हूँ बिन आदि शक्ति,

तू ही है जीवन सार मेरी।

मैं पत्थर हूं इस माटी का,

तू ही साँसों की धार मेरी।।

 

जो प्राणों में बसता वीर रस,

उसका भी मंगल कारण तू।

जो मुझमें हावी हो तमोगुण,

 उसका भी शुभ निवारण तू।।

 

मैं शिलाखंड तू शक्ति मेरी,

तुझसे हो पूरी भक्ति मेरी।

-0-

पता- मकान संख्या 2/1, वार्ड संख्या 17, कैंप, यमुना नगर-135001 हरियाणा।

संपर्क सूत्र - 9017183334

 

-0-

3-ललित छंद / सार (16+12=28 मात्राएँ, अन्त में दो गुरु मात्राएँ होना ज़रूरी  )

विपन कुमार

 


नयनों से उम्मीदें बहती
, बहता खारा पानी।

शब्द मौन हैं सोच रहे हैं, कैसे कहें कहानी।

पेट काटकर पाला जिसने, जिसने लाड लडाया।

सबको बाँटी खुशियाँ जिसने,उसने ही दुख पाया।

 

रिश्तों की वो डोर रही ना, न विश्वास का धागा।

मोती बिखरे टूट गया वो , जिसने सबको बाँधा।

दुख हो चाहे सुख की बेला,कोई नजर न आ

नफरत की है आग लगी जो,कोई आन बुझाए।

 

दर्पण कहे हकीकत अब ना, आँखें सच ना बोलें।

श्रुतिपुट सबकुछ सुनकर बहरे, अधर भी मुख न खोलें।

हर मुख पर अब नया मुखौटा,कुछ भी समझ न आए।

समय खेलता खेल अनोखा,सत्य झूठ हो जाए।


21 comments:

  1. क्या खूबसूरत रहना पिरोई है, सरहद✍️

    ReplyDelete
  2. काली सी हर रात के बाद ...
    मैं शव हूँ बिन आदि शक्ति ...
    नयनों से उम्मीदें बहतीं ...

    एकता चौधरी, रजत नागपाल एवं विपिन कुमार जी को सुन्दर सृजन की हार्दिक बधाई।

    ReplyDelete
  3. नव युवको की लेखनी से साहित्य के लिए समपर्ण भावी जगत के लिए एक आशा की नई किरण है | इन्हीं पर हमारा भविष्य टिका हुआ है | इन सभी नव युवकों को हिन्दी चेतना की ओर बधाई और भविष्य में इन्हें पुरुस्कृत करने का वादा है | श्याम त्रिपठी हिन्दी चेतना

    ReplyDelete
  4. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 04 जुलाई 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    ReplyDelete
  5. एकता जी ने दोनों ही कविताओं में बड़ी खूबसूरती से हर भाव को पिरोया है।रजत ने और विपिन ने सुंदर शब्दों के साथ बहुत खूबसूरत और भावपूर्ण कविता कही है।मैं शिलाखंड तुम शक्ति मेरी... बहुत सुंदर कविता।

    ReplyDelete
  6. सरहद की गोली

    आज

    शाम

    दिल से पार निकल गई.....!!सरहद,सुबह दोनों कविताएँ सुंदर
    मैं शिलाखंड तू शक्ति मेरी बहुत सुंदर
    हर मुख पर अब नया मुखौटा,कुछ भी समझ न आए।
    समय खेलता खेल अनोखा,सत्य झूठ हो जाए । आज का यथार्थ चित्रण। बहुत सुंदर
    एकता जी ,रजत जी,विपिन जी हार्दिक बधाई।

    ReplyDelete
  7. सभी कविताएँ और छंद बेहतरीन, हार्दिक शुभकामनाएँ ।

    ReplyDelete
  8. ये रचनाएँ पढ़ कर इतना तो अहसास हो गया कि साहित्याकाश पर नए और चमकदार सितारों का आगमन हो गया है | सुन्दर रचनाओं के लिए आप तीनों को बहुत बहुत बधाई |

    ReplyDelete
  9. बहुत सुंदर कविताएं और छंद । हार्दिक बधाई।

    ReplyDelete
  10. सभी बहुत आशान्वित करती हुई रचनाएं हैं सुबह और सरहद के लिए हार्दिक बढ़ाई एवम् शुभकामनाएं एकता चौधरी जी।
    रजत नागपाल जी आपकी रचना मन को छुआ आज का युवा यदि नारी शक्ति को इतना सम्मान देता है तो आने वाला कल कितना उजाला है साफ दिखाई देता हैं। हार्दिक बधाई एवम् अनंत शुभकामनाएं।
    विनय कुमार जी आपकी छंदबद्ध रचना बहुत कुछ समेटे है अपने भीतर,सरल शब्दों के गहन भाव हृदय में अपना विशिष्ट स्थान बना लेते हैं। आपके उज्ज्वल भविष्य की ढेर सारी शुभकामनाएं। आप तीनों को हृदय से अशेष मंगलकामनाएं💐💐

    ReplyDelete
  11. एकता की कविता में सहजता है जो कि आजकल के लेखन में ग़ायब होती जा रही है। मैं आशान्वित हूँ वे और समय देंगी लेखन को। बधाई।

    ReplyDelete
  12. जो मुझमें हावी हो तमोगुण,
    उसका भी शुभ निवारण तू।।

    कितनी सुंदर मोहक कामना है। बहुत सुंदर छंद रचना की रजत जी बधाई।

    ReplyDelete
  13. सबको बाँटी खुशियाँ जिसने,उसने ही दुख पाया।

    विपन कुमार जी का ललित छंद सुंदर लय लिए हुए उत्कृष्ट भावाभिव्यक्ति। बधाई।

    ReplyDelete
  14. एकता चौधरी03 July, 2021 13:51

    अशेष कृतज्ञता के साथ कंबोज सर एवं समस्त पाठकों का धन्यवाद�� उत्साह और प्रेरणा मिली और खूबसूरती से शब्द और पिरोने की...बहुत बहुत शुक्रिया

    रजत जी कितनी सुंदरता से नारीशक्ति को सब कुछ समर्पित किया...हार्दिक शुभकामनाएं

    विपन जी की अभिव्यक्ति की सुंदरता वाले छंद बहुत प्यारे लगे...अशेष शुभेच्छा उनके लिए भी...!!!

    ReplyDelete
  15. आप सभी विद्वानों द्वारा जो स्नेह मिला है उससे अत्यंत हर्ष व ऊर्जा प्राप्त हुई है। आपका आशीर्वाद सदैव बना रहे। रजत जी व एकता जी को बहुत बधाई।

    ReplyDelete
  16. बहुत सुंदर कविताएं

    ReplyDelete
  17. सभी रचनाएँ बहुत सुंदर। सभी रचनाकारों को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
  18. बहुत उम्दा रचनाएँ। सभी रचनाकारों को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
  19. आप सब काव्य प्रेमियों के स्नेह एवं शुभेच्छा के लिए आभार🙏

    ReplyDelete
  20. बेहतरीन रचनाएं 💐💐

    ReplyDelete
  21. बहुत सुंदर रचनाएँ.... विपिन जी , एकता जी और रजत जी को बधाई!!

    ReplyDelete