पथ के साथी

Monday, September 14, 2020

1028


 बनजारा मन पुस्तक के कुछ अंश,सुनने के लिए क्लिक कीजिए -


-0-






































हिन्दी मीठी पुरवाई है

 

आशीष जैन

 संस्कृत के श्रेष्ठ संस्कारों से


परिमार्जित होकर आई है
,

हिन्दी मीठी पुरवाई है

हिन्दी ठंडी पुरवाई है ।

 

कढ़ सूर- सिंधु के मंथन से

तुलसीदल- सी पावन होकर

मानस में डूबक आई है,

हिन्दी ठंडी पुरवाई है

हिन्दी मीठी पुरवाई है ।

 

कभी ओढ़ चदरिया कबीरा की

कभी मीरा का इकतारा ले

राधा रानी -सी लुनाई है,

हिन्दी ठंडी पुरवाई है

हिन्दी मीठी पुरवाई है ।

 

महादेवी- सा रूप, पंत का प्रेम

निराला ओज, सत्य की खोज

खड्ग ले खड़े चंदबरदाई हैं

हिन्दी ठंडी पुरवाई है

हिन्दी मीठी पुरवाई है ।

 

कभी फिल्मी गीतों के द्वारा

कहीं गिरमिटिया के श्रम के संग

कभी अटल-मोदी के साथ-साथ

जग -मानस की परछाई है,

हिन्दी ठंडी पुरवाई है

हिन्दी मीठी पुरवाई है ।

-0- पी जी टी , केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-2 , भोपाल

21 comments:

  1. बहुत सुंदर-हिंदी मीठी पुरवाई है।हार्दिक बधाई।

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर कविता ।बधाई आशीष जैन जी।

    ReplyDelete
  3. संक्षिप्त सार गर्भित पुस्तक परिचय।'बंजारा मन'के लिए आदरणीय काम्बोज भैया को हार्दिक बधाई ।

    ReplyDelete
  4. बहुत सुन्दर।
    हिन्दी दिवस की अशेष शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
  5. बनजारा मन के परिचय के साथ कविताओं का सुंदर सरस् वाचन। आदरणीय काम्बोज जी को साधुवाद।

    ReplyDelete
  6. बनजारा मन की बहुत सुन्दर समीक्षा है और बहुत अच्छा वाचन किया है. मैंने पूरी पुस्तक भी पढ़ी है. हर विषय पर इसमें कविता है. काम्बोज भाई को बधाई.

    हिन्दी दिवस पर आशीष जी ने बहुत सुन्दर रचना लिखी है.

    हिन्दी दिवस पर सभी को बधाई.

    ReplyDelete
  7. बनजारा मन से बहुत अच्छी रचनाएँ सुनने को मिली । हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें ।

    आशीष जी बहुत सुंदर सृजन । पूरा साहित्य आँखों के सामने आ गया । हार्दिक बधाइयाँ ।

    ReplyDelete
  8. बंजारामन की सपरिचय उम्दा रचनाओं का बहुत सुंदर वाचन...भाई काम्बोज जी को हार्दिक बधाई।

    बहुत बढ़िया रचना...आशीष जी को हार्दिक बधाई।

    ReplyDelete
  9. बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  10. अंजु जी द्वारा बंजारा मन की सुंदर समीक्षा,कविताएँ सुन कर भी बहुत आनन्द आया, आदरणीय काम्बोज भाई साहब को अनेकों बधाई एवं शुभकामनाएँ!!
    आशीष जी को भी सुंदर रचना हेतु बधाई!
    हिंदी दिवस की सब को शुभकामनाएँ!!

    ReplyDelete
  11. हिंदी सी ही मीठी इस कविता के लिए बहुत बधाई आशीष जी को...|

    ReplyDelete
  12. 'बंजारा मन' के बारे में अंजू जी से सुनना अच्छा लगा, बधाई |
    सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ...|

    ReplyDelete
  13. kavitrisavita@gmail.com16 September, 2020 08:15

    भाई काम्बोज जी की पुस्तक बंजारा मन की रचनाओं को की खूबसूरत प्रस्तुति की है अंजू जी ने | भाई काम्बोज जी को हार्दिक बधाई |

    ReplyDelete
  14. kavitrisavita@gmail.com16 September, 2020 08:17

    आशीष जी की सुन्दर कविता के लिए हार्दिक बधाई |

    ReplyDelete
  15. हिंदी दिवस पर्व पर अंजू जी ने बंजारा मन से अभिज्ञ परिचय करवाया । पुस्तक के शीर्षक ने इंगित किया, और कविताओं ने आभास कराया कि आदरणीय काम्बोज जी ने चार दशकों के अवलोकन को सुंदर रूप दिया है । पुस्तक के सृजन पर हार्दिक शुभकामनाएँ । आशीषजी की सुंदर मीठी कविता के लिये बधाई ।

    ReplyDelete
  16. आशीष जैन16 September, 2020 17:57

    उत्साहवर्धन के लिए आदरणीय रामेश्वरजी एवं सभी सुधीजन का आभार

    ReplyDelete
  17. 'बंजारा मन' के प्रकाशन हेतु आ. भैया जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ!
    अंजू जी को समीक्षा के लिए बहुत बधाई!

    हिन्दी-दिवस पर आ.आशीष जैन जी को इस सुंदर कविता के लिए बहुत-बहुत बधाई!

    ~सादर
    अनिता ललित

    ReplyDelete