ज्योत्स्ना प्रदीप
1
जब घोर-अँधेरा है ।
गुरुवर साथ रहे
फिर भोर-सवेरा है ।
2
तपकर संतोषी हैं ।
जो उनको दुख दे
वो घातक दोषी हैं !
3
तन तो बस माटी है ।
ज्ञान -बीज भरते
हरियाली बाँटी है ।
4
जीवन घन-काला हैं ।
दिनकर मन कर दे
गुरु ज्ञान -उजाला हैं ।
5
गुरुवर को हम पूजें ।
गुरु का मान करो
छोड़ो झगड़े दूजे ।
6
जीवन में तम
छाए ।
दिनकर -गुरुवर से
किरणें हम तक आएँ ।
7
बाकी सब कुछ भूलें ।
पाँवो के संग-संग
मन उनका हम छू लें !
8
पथ उनके ही चलना ।
मान करो मन से
उनको न कभी छलना ।
9
वो वतन सदा ऊँचा ।
गुरुवर मान करें
महके फिर हर कूँचा !
10
बस पतन वहीं होता ।
गुरुवर को दुख दे
वो हरपल ही रोता !
ज्योत्स्ना जी सादर नमन ,
ReplyDeleteआपकी रचना आज के इस पवित्र दिन पर बहुत ही सटीक और अर्थपूर्ण है| जिन शब्द भावों से आपने गुरु के प्रति आदर और श्रद्धा प्रकट की है | मन की आँखें खोलनेवाली है | बधाई की अप पात्र हैं |श्याम त्रिपाठी -हिन्दी चेतना
आदरणीय भाईसाहब आपका आशीष सदा ही हम पर झरता रहे |
Deleteहृदय-तल से आभारी हूँ आदरणीय !
गुरू -महिमा का गुणगान करते उत्कृष्ट माहिया।हार्दिक बधाई ज्योत्सना जी
ReplyDeleteआप सदैव हौसला बढ़ाती हैं आदरणीय दीदी,बहुत-बहुत आभार आपका!
Deleteगुरु बिन ज्ञान कहाँ से आए...! ज्योत्सना जी इस पावन पर्व पर आपके सुंदर माहिया, एक उत्कृष्ट भेंट , सभी गुरुजनों को!आपको अनेकों शुभकामनाएँ!!
ReplyDeleteहृदय-तल से धन्यवाद प्रिय प्रीति जी !
Deleteगुरु की महत्ता प्रतिपादित करते बहुत खूबसूरत माहिया । बधाई प्रिय ज्योत्स्ना जी । शुभकामनाएँ व बधाई ।
ReplyDeleteये स्नेह सदा बना रहे आदरणीय विभा दी.. हार्दिक आभार आपका !
Deleteज्योत्स्ना जी गुरु महिमा का अद्भुत वर्णन किया है आपने अपने माहिया में |सच में गुरु बिन ना कोई पाता शिक्षा है और उनकी महिमा बिन चारों और जीवन में तम ही तम है | हार्दिक शुभकामनाएं |
ReplyDeleteआप सदैव ही मनोबल बढ़ाते हो आदरणीय सवि जी.. दिल से धन्यवाद !
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteहृदय से धन्यवाद आदरणीय ओंकार जी !
Deleteवाह अप्रतिम सृजन गुरुवर के चरणों में ... वंदन अभिनन्दन
ReplyDeleteआदरणीय सदा जी, मनोबल बढ़ाने के लिए दिल से शुक्रिया !
Deletewaah bahut sundar mahiya jyotsana ji badhai
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय शशि पुरवार जी !
Deleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteशिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
तहे दिल से आभारी हूँ आदरणीय !
Deleteशिक्षक दिवस पर गुरु के महत्व को रेखांकित करते सुंदर माहिया।बधाई ज्योत्सना जी।
ReplyDeleteउत्साहवर्धन के दिए हृदय से आभार आदरणीय !
Deleteगुरु की महिमा का बखान करते सुंदर माहिया!
ReplyDeleteहार्दिक बधाई आदरणीया!
सादर
प्रिय रश्मि जी, बहुत - बहुत शुक्रिया !
Deleteबहुत सुन्दर माहिया,मन में गुरु के प्रति अपार श्रद्धा का भाव जाग्रत करने की सामर्थ्य है इनमें ।बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें ।
ReplyDeleteमाहिया सराहने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय सुरंगमा जी !
Deleteवाह! बहुत सुंदर माहिया।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी।
आदरणीय दीदी, दिल से धन्यवाद करती हूँ आपका !
Deleteसर्वप्रथम मेरे माहिया को यहाँ स्थान देने हेतु आदरणीय भैया जी का बहुत-बहुत आभार!
ReplyDeleteशिक्षक दिवस पर बहुत सुन्दर सुन्दर माहिया. बधाई ज्योत्स्ना जी.
ReplyDeleteहार्दिक आभार जेन्नी जी !
Deleteहमारे जीवन में माता-पिता और गुरू के लिए जितना भी कहा जाए, कम ही लगेगा | इन खूबसूरत माहिया के लिए ज्योत्सना जी को ढेरों बधाइयाँ...
ReplyDeleteदिल से शुक्रिया प्रियंका जी !
Deleteसचमुच उम्दा माहिया। बधाई।
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद प्रिय अनिता !
Deleteये माहिया हमारे आदरणीय गुरुवर हिमांशु जी के प्रति अपार आदर,श्रद्धा और सम्मान के वो भाव हैं जो अक्सर ही उपजते रहते हैं! इन भावों ने माहिया का रूप लिया, जिन्हें आप सभी ने इतने प्यार से पढ़ा, सराहा.. . प्रभु से दुआ करती हूँ वो स्वस्थ रहें, सुकून से रहें और उनका आशीर्वाद हम पर सदा झरता रहे !
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteवाह! लाजवाब! सभी माहिया बेहद भावपूर्ण!
ReplyDeleteहार्दिक बधाई प्रिय ज्योत्स्ना जी!
गुरु का स्थान सदैव से ही ऊँचा है! नतमस्तक हैं!
~सादर
अनिता ललित