पथ के साथी

Sunday, January 5, 2020

942-आ लौट चलें!



डॉ.सुरंगमा यादव

आ लौट चलें बचपन की ओर

माँ की गोदी में छिप जाएँ
खींचे कोई डोर
हर आहट पर पापा-पापाकहते
भागें द्वार की ओर
मिट्टी के रंगीन खिलौने
मिल जाएँ तो झूमें -नाचें
कॉपी फाड़ें नाव बनाएँ
पानी में जब लगे तैरने
खूब मचाएँ शोर
भीग-भीगकर बारिश में
नाचें  जैसे मोर
गिल्ली-डंडा,खो-खो और कबड्डी
छुपम-छुपाई,इक्कल-दुक्कल,कोड़ा जमाल शाही
खेल-खेलकर करते खूब धुनाई
वह भी क्या था दौर!
कच्ची अमिया और अमरूद
पेड़ों पर चढ़ तोड़ें खूब
पकड़े जाने के डर से फिर
भागें कितनी जोर
आ लौट चलें बचपन की ओर!
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16 comments:

  1. आ लौट चलें बचपन की ओर... बिलकुल सही, मन के बोझ कम करने को, बचपन की ओर लौटने की ही अावश्यकता है अाज इन्सान को

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  2. बचपन की सुहानी यादें लिए , सुंदर कविता सुरँगमा जी, आपको बधाई!

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  3. सुरंगमा जी बचपन की मीठी यादों को ताज़ा करती सुन्दर कविता है , सच में इंसान कितनी भी उम्र तय कर जाए बचपन की यादों के साथ जुडा ही रहता है |
    हार्दिक बधाई आपको |

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  4. मन छोटा सा बच्चा बन गया ये प्यारी सी कविता पढ़कर...

    कच्ची अमिया और अमरूद
    पेड़ों पर चढ़ तोड़ें खूब
    पकड़े जाने के डर से फिर
    भागें कितनी जोर

    सच में ये सब कितना सुखद था.. मनमोहक रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई सुरंगमा जी !

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  5. सुन्दर कविता हेतु बधाई सुरंगमा जी

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  6. आप सभी का हार्दिक आभार ।

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  7. उम्र और अनुभव कितनी भी बढ़ जाए मन में छुपा बचपन यादों को समेटे वैसा ही रहता है। मनमोहक कविता। बधाई सुरंगमा जी

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  8. हिन्दी हाइकु में प्रीति अग्रवाल जी के बहुत सुंदर हाइगा।हार्दिक बधाई

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  9. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (06-01-2020) को 'मौत महज समाचार नहीं हो सकती' (चर्चा अंक 3572) पर भी होगी।

    आप भी सादर आमंत्रित हैं…
    *****
    रवीन्द्र सिंह यादव

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  10. वाह ! बचपन की मीठी यादें ... बहुत सुंदर सृजन

    बधाइयाँ सुरंगमा जी

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  11. सुन्दर चिन्तन है।

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  12. वाह
    बहुत सुंदर सृजन

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  13. बचपन सचमुच कितना मनोरम होता है | इन पंक्तियों से जाने कितना कुछ याद आ गया | इस प्यारी रचना के लिए मेरी ढेरों बधाई |

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  14. बहुत प्यारी रचना...सुरंगमा जी बहुत बधाई।

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  15. आप सभी का हृदय तल से आभार ।

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  16. वाह! बहुत ही ख़ूबसूरत कविता! बचपन की सारी यादें ताज़ा हो गईं! बहुत बधाई सुरंगमा जी!

    ~सादर
    अनिता ललित

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