दीवारें
भावना सक्सैना
दीवारें
कभी
होती नहीं खाली
उनमें
होती हैं
परछाइयाँ युगों की
बसी
होती हैं
कहानियाँ कईं
कुछ
सूखी, कुछ
सीली।
फिर-फिर
रँगे
जाने पर भी
आँखें
खोज लेती हैं
उनमें
बसे चित्र मन के
नेह, ममता और वात्सल्य के,
कहीं-कहीं
होते हैं चिकोटे
दर्द
भरे किसी दिन के, और
वहीं
रह जाती हैं वे छिली।
घुप्प
अँधेरे में उभर आती हैं
कुछ
दमकती रेखाएँ
रोशन
करती हैं जो
दिनभर
अँधेरे में डूबे
हताश
हो आए मन को
कि
भीतर की लौ को चाहिए
एक
जगह ,जहाँ
बाहर की
हवाओं से आराम हो।
बस
इसीलिए
बाँधना
मत दीवारों को
कुछ
रंगीन चित्रों में,
टाँगना
मत उन पर
चौखुटे
फ्रेम में जड़े
किसी
और की
कोरी
कल्पनाओं के रूप...
कि
उनमें हैं रंग असंख्य
स्मृतियों
के, आकांक्षाओं
के
और
अनगिनत उम्मीदों के।
उनमें
चिड़ियाँ हैं
सपनों
के सफेद पंखों वाली
जो
रह-रह भरती हैं उड़ान
कि
उन्हें पाना है एक मुकाम।
उन
सफेद पंखों में
इंद्रधनुष
के रंग है
इन
रंगों को
बाँधना
नहीं खाँचों में
कि
कोरों से बह
एक
दूसरे में घुल मिल
बनते
हैं रंग नए।
लेकिन
जब चढ़ाए जाते हैं
परत
-दर -परत
एक
दूसरे का अस्तित्व
लील
जाने की चाह में
रंगों
पर चढ़े रंग
हो
जाते हैं बेरंग...
बहुत सुंदर कविता.
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
iwillrocknow.com
बहुत सुंदर,सशक्त और भावपूर्ण कविता।
ReplyDelete"उनमें हैं रंग असंख्य
स्मृतियों के, आकांक्षाओं के
और अनगिनत उम्मीदों के।
उनमें चिड़ियाँ हैं
सपनों के सफेद पंखों वाली
जो रह-रह भरती हैं उड़ान
कि उन्हें पाना है एक "....बधाई भावना जी।
सचमुच! बहुत कुछ स्वयं में समेटे हुए होती हैं दीवारें!
ReplyDeleteसुंदर भावपूर्ण कविता हेतु हार्दिक बधाई भावना जी!
~सादर
अनिता ललित
बहुत सुंदर रचना भावना जी। आपको बधाई !
ReplyDeleteरंगों पर चढ़े रंग
ReplyDeleteहो जाते हैं बेरंग..
बहुत ख़ूब!!
बहुत सुंदर ,भावपूर्ण कविता । बंधाई भावना
ReplyDeleteमेरी भावनाओं को इस प्रतिष्ठित मंचपर स्थान देने के लिए हृदय से आभारी हूँ। उत्साहवर्द्धक टिप्पणियों के लिए आप सभी का बहुत बहुत आभार।
ReplyDeleteसादर,
भावना
बहुत सुन्दर भावपूर्ण कविता ।बधाई भावना जी!
ReplyDeleteभावना जी हृदय स्पर्शी रचना | इसके हर शब्द में अर्थ है , भाव है ,संदेश है | इतनी गहरी , निसंदेह लेखिका की भावना की प्रतीक है | अति सुंदर पठनीय एवं प्रशंसनीय | श्याम -हिन्दी चेतना
ReplyDeleteबहुत ही भावपूर्ण कविता
ReplyDeleteसच में.... दीवारें कभी होती नहीं खाली
हार्दिक अभिनन्दन भावना जी
गज़ब के भाव. बहुत सुन्दर और सुदृढ़ रचना, मन में गहरे उतर गई. बधाई भावना जी.
ReplyDeleteमर्मस्पर्शी रचना के लिए बहुत बधाई
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