प्रीति अग्रवाल ‘अनुजा’
1-आवारा
मन
चित्र; प्रीति अग्रवाल |
जाने कौन से
गलियारों मे,
घूमता,
फिर रहा है।
कहो तो उस से
जो माने! ये तो
अपनी ही,
ज़िद पे अड़ा है।
होगा कुछ भी नही,
यूँ ही,
खाक छानकर
थका लौटेगा,
क्या हुआ?
क्यों हुआ?
ऐसा होता तो??
वैसा न होता तो??
इसी गर्दिश में,
धक्के खाकर,
फिर चुपचाप
सिमट कर बैठेगा।
कहकर देखूं
शायद मान ले-
“मन, अब तू बच्चा नहीं
बड़ा हो चला है,”
"जो है, आज और
केवल आज है,
काल की रट ने
सिर्फ ,
और सिर्फ छला है"!!!
-0-
2- चोरी
मुक़द्दमा, अदालत,
जज और गवाही।
चित्र; प्रीति अग्रवाल |
मुद्दा-
मीलॉर्ड, इस शख़्स ने,
मेरी हँसी चुराई!!
पलटवार-
मरते थे हज़ारों
जिस हँसी पे जनाब,
कत्ल हो न दोबारा
सो चुराई!!
क्या ख़ता???
तुकबंदी-
सोलह आने!
कार्यावाही सम्पन्न।
किस्सा हुआ ख़ारिज
सब कुछ सही!!??
-0-
सुन्दर कविताएँ प्रीति जी,हार्दिक बधाई आपको ।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार सुरंगमा जी!
Deleteसुंदर कविताएँ
ReplyDeleteधन्यवाद अनिता जी!
Deleteबहुत खूब लिखा है प्रीती जी हार्दिक बधाई |
Deleteधन्यवाद सविता जी, मन कि बात मन तक पहुँचे, और क्या चाहिए!
Deleteकी*
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (03-08-2019) को "बप्पा इस बार" (चर्चा अंक- 3447) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
श्री गणेश चतुर्थी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जी प्रोत्साहन के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार!
ReplyDeleteजी आपको भी गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं!
Deleteसुंदर कविताएँ प्रीति जी
ReplyDeleteहार्दिक अभिनंदन
आपके स्नेह के लिए बहुत बहुत धन्यवाद पूर्वा जी!
ReplyDeleteबढ़िया कविताएँ है ....हार्दिक बधाई प्रीती जी !!
ReplyDeleteज्योत्स्ना जी मुझे खुशी है कि आपको पसंद आई, धन्यावाद!
Deleteसुंदर सृजन के लिए बधाई।
ReplyDeleteहौसला बढ़ाने के लिए धन्यवाद रत्नाकर जी!
ReplyDeleteसुन्दर रचनाएँ... बधाई प्रीति जी।
ReplyDeleteधन्यवाद कृष्णा जी...आपकी सराहना मेरे लिए बहुत मायने रखती है!
Deleteदोनों कविताएँ बहुत सुन्दर, बधाई प्रीति जी.
ReplyDeleteआपकी सराहना सिर माथे पर जेन्नी जी!बहुत खुशी हुई कि आपको पसंद आईं।
Deleteबहुत बढ़िया कविताएँ! बहुत बधाई प्रीति जी!
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित
bahut he ache likhe ho humara bhi margdarshan kare www.fly2catcher.com per jaye or padhe blog
ReplyDeleteदोनों कविताएँ बहुत सुन्दर, पर हँसी चुराई तो अनोखी लगी...बहुत बधाई
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