पथ के साथी

Monday, September 2, 2019

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प्रीति अग्रवाल अनुजा

1-आवारा मन

चित्र; प्रीति अग्रवाल
जाने कौन से
गलियारों मे,
घूमता,
फिर रहा है।

कहो तो उस से
जो माने! ये तो 
अपनी ही,
ज़िद पे अड़ा है।

होगा कुछ भी नही,
यूँ ही,
खाक छानकर
थका लौटेगा,

क्या हुआ?
क्यों हुआ?
ऐसा होता तो??
वैसा न होता तो??

इसी गर्दिश में,
धक्के खाकर,
फिर चुपचाप
सिमट कर बैठेगा।

कहकर देखूं
शायद मान ले-
मन, अब तू बच्चा नहीं
बड़ा हो चला है,”

"जो है, आज और 
केवल आज है,
काल की रट ने
सिर्फ ,
और सिर्फ छला है"!!!
-0-
2- चोरी

मुक़द्दमा, अदालत,
जज और गवाही।
चित्र; प्रीति अग्रवाल
मुद्दा-
मीलॉर्ड, इस शख़्स ने,
मेरी हँसी चुराई!!
पलटवार-
मरते थे हज़ारों
जिस हँसी पे जनाब,
कत्ल हो न दोबारा
सो चुराई!!
क्या ख़ता???
तुकबंदी-
सोलह आने!
कार्यावाही सम्पन्न।
किस्सा हुआ ख़ारिज
सब कुछ सही!!??
-0-

23 comments:

  1. सुन्दर कविताएँ प्रीति जी,हार्दिक बधाई आपको ।

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    1. बहुत बहुत आभार सुरंगमा जी!

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  2. सुंदर कविताएँ

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    1. बहुत खूब लिखा है प्रीती जी हार्दिक बधाई |

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    2. धन्यवाद सविता जी, मन कि बात मन तक पहुँचे, और क्या चाहिए!

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (03-08-2019) को "बप्पा इस बार" (चर्चा अंक- 3447) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    श्री गणेश चतुर्थी की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. जी प्रोत्साहन के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार!

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    1. जी आपको भी गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं!

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  5. सुंदर कविताएँ प्रीति जी
    हार्दिक अभिनंदन

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  6. आपके स्नेह के लिए बहुत बहुत धन्यवाद पूर्वा जी!

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  7. बढ़िया कविताएँ है ....हार्दिक बधाई प्रीती जी !!

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    1. ज्योत्स्ना जी मुझे खुशी है कि आपको पसंद आई, धन्यावाद!

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  8. सुंदर सृजन के लिए बधाई।

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  9. हौसला बढ़ाने के लिए धन्यवाद रत्नाकर जी!

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  10. सुन्दर रचनाएँ... बधाई प्रीति जी।

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    1. धन्यवाद कृष्णा जी...आपकी सराहना मेरे लिए बहुत मायने रखती है!

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  11. दोनों कविताएँ बहुत सुन्दर, बधाई प्रीति जी.

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    1. आपकी सराहना सिर माथे पर जेन्नी जी!बहुत खुशी हुई कि आपको पसंद आईं।

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  12. बहुत बढ़िया कविताएँ! बहुत बधाई प्रीति जी!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  13. bahut he ache likhe ho humara bhi margdarshan kare www.fly2catcher.com per jaye or padhe blog

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  14. दोनों कविताएँ बहुत सुन्दर, पर हँसी चुराई तो अनोखी लगी...बहुत बधाई

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