मुकेश बाला
कल का माहौल
आज बता देती हूँ
उस दृश्य की झांकी
आज दिखा देती हूँ
चारों तरफ़ बहेगी
देशभक्ति की धारा
तिरंगे के सिवा कुछ
ना होगा हमें गवारा
हर किसी की डीपी पर
ये तिरंगा छा जाएगा
शहादत बसेगी हृदय में
हर शहीद याद आएगा
ट्विटर ब्लॉग फेसबुक
इनके आगे जाएंगे झुक
अल्फ़ाज़ निकलेंगे
देशभक्ति से ओतप्रोत
चारों तरफ़ छा जाएंगे
देशप्रेम के स्रोत
तीन रंगों में रंगा
होगा हर चेहरा
मुखौटा लिए हाथ में
देशभक्ति देगी पहरा
इस स्रोत वाहिनी में तो
ऊपरी सतह से ही बहेंगे
अन्दर से तो जो थे
हम वहीं है वहीं रहेंगे
जैसे ही फिर शाम होगी
जिन्दगी सबकी आम होगी
अनंत में तारे जब छा जाएंगे
सब अपने रस्ते आ जाएंगे
क्या करें इसमें
हमारी खता नहीं
क्या है देशभक्ति
हमें पता नहीं
कल का माहौल
आज बता देती हूँ
उस दृश्य की झांकी
आज दिखा देती हूँ
चारों तरफ़ बहेगी
देशभक्ति की धारा
तिरंगे के सिवा कुछ
ना होगा हमें गवारा
हर किसी की डीपी पर
ये तिरंगा छा जाएगा
शहादत बसेगी हृदय में
हर शहीद याद आएगा
ट्विटर ब्लॉग फेसबुक
इनके आगे जाएंगे झुक
अल्फ़ाज़ निकलेंगे
देशभक्ति से ओतप्रोत
चारों तरफ़ छा जाएंगे
देशप्रेम के स्रोत
तीन रंगों में रंगा
होगा हर चेहरा
मुखौटा लिए हाथ में
देशभक्ति देगी पहरा
इस स्रोत वाहिनी में तो
ऊपरी सतह से ही बहेंगे
अन्दर से तो जो थे
हम वहीं है वहीं रहेंगे
जैसे ही फिर शाम होगी
जिन्दगी सबकी आम होगी
अनंत में तारे जब छा जाएंगे
सब अपने रस्ते आ जाएंगे
क्या करें इसमें
हमारी खता नहीं
क्या है देशभक्ति
हमें पता नहीं
सटीक व्यंग्य
ReplyDeleteएकदम सत्य बात कही आपने,बहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteसही और सच्ची बात .... यही होता है आजकल
ReplyDeleteसुंदर सृजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ
बहुत अच्छा लिखा है सत्य ही है सब |सुन्दर सृजन के लिए बधाई |
ReplyDeleteएकदम सही....सुन्दर सृजन के लिए हृदय से बधाई मुकेश बाला जी|
ReplyDeleteबहुत खूब मुकेश बालाजी!सच ही तो है, बस एक ही दिन का जोश होता है, फिर वही बेपरवाही !!
ReplyDeleteएकदम सटीक...बहुत बधाई
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