पथ के साथी

Tuesday, July 9, 2019

914-अभिलाषाएँ


  डॉ हृदय नारायण उपाध्याय

1-अभिलाषाएँ
चाहूँगा मैं फूलों से बन पराग बिछ जाना,
कलियों से थिरकन को लेकर पत्तों सा हिल जाना ।
बढ़ता जाऊँ नीलगगन में, मन की यह अभिलाषा,
माटी से जुड़कर पूरी हों, मन की सारी आशा।
पतझड़ और तपन आकर भी, गीत ऐसा गा जाए,
स्वर कोयल का गीत मीत का, जीवन-राग सुनाए।
कांटे समझ भले ही अपने, अंत समय तज जाएँ,
फिर भी सबके रक्षा की, अभिलाषाएँ मिट ना पाएँ।
[आकाशवाणी अम्बिकापुर छतीसगढ़ से प्रसारित कविताएँ]

2-कोशिश
मेरी कोशिश है
शब्द अब नए अर्थों से सँवर जाएँ,
लोग विध्वंस, चीख, धोखा और विवशता के अर्थ भूलकर
निर्माण, हँसी, विश्वास और सहजता की चर्चा करें।
मेरे कोशिश है
लोंगों के मुख से आशीष निकले,
कबीर का जीवन जीकर, लोग मीरा सा प्रेम करें।
लोगों में ईसा-सी सेवा की चाह हो,
मानवता की खातिर चाहे सलीबों की राह हो।
मेरे कोशिश है
बची रहे झरनों की शीतलता और नदियों की लहरें,
चौपायों के मधुवन और शिशुओं की किलकन ।
शांति के कुटीर हों, सुखद समीर हो।
स्वार्थों से परे रहकर स्वभाव से अमीर हों ।  
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13 comments:

  1. सकारात्मक सोच लिए हुए बहुत सुंदर भावपूर्ण कविताएँ। हार्दिक बधाई।

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  2. वाह,'सर्वे भवन्तु सुखिनः'की कामना से संयुक्त सुंदर भावपूर्ण रचनाओं हेतु डॉ. उपाध्याय जी को हार्दिक बधाई।

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  3. बहुत सुंदर भावपूर्ण रचनाएँ।
    सादर,
    भावना सक्सैना

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  4. कबीर का जीवन जीकर, लोग मीरा सा प्रेम करें... अत्यन्त सार्थक सन्देश

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  5. स्वार्थों से परे रहकर स्वभाव के अमीर हों |बहुत सुन्दर भावों से कविता का अंत किया है हार्दिक बधाई डॉ ह्रदय नारायण जी |

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  6. दोनों कविताएँ बहुत सुन्दर भावों से युक्त हैं ।बधाई आपको ।

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  7. निस्वार्थ भाव से मन में उठने वाली सुन्दर भावनाओं का बहुत प्यारा रंग दिखा इन रचनाओं में...बहुत बहुत बधाई...|

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  8. दोनों रचना बहुत सुन्दर और प्रेरक. बहुत बधाई.

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  9. सुंदर सार्थक रचनाएँ ... हार्दिक बधाई आपको।

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  10. सुंदर सार्थक रचनाओं के लिए बधाई

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  11. अभिलाषाएं और कोशिश में बहती भावधारा और सर्वजन हिताय सुखाय की भावना सराहनीय है । बधाई डॉक्टर साहब

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  12. बेहद प्यारी व भावपूर्ण रचनाएँ...हार्दिक बधाई आपको !!

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  13. अतिसुन्दर भावनाओं से रची कविताएँ! बहुत बधाई आ. हृदयनारायण उपाध्याय जी!

    ~सादर
    अनिता ललित

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